Journalist Farooq Nazki: प्रसिद्ध कवि और वरिष्ठ पत्रकार फारूक नाजकी का निधन

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Journalist Farooq Nazki passes away: जम्मू कश्मीर के मशहूर कवि और पत्रकार मीर मोहम्मद फारूक नाजकी निधन हो गया है, उन्होने कटरा के एक अस्पताल में करीब 83 वर्षीय फारूक नाजकी पिछले कुछ समय से बीमार थे और मंगलवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली. फारूकी के परिवार में एक बेटा और दो बेटियां हैं. बताया जाता है कि, वह अपने बेटे के साथ इन दिनों जम्मू में रह रहे थे. फारूक नाजकी के लेखन ने कश्मीरी साहित्य को नई उंचाईयों पर उठाया.

अच्छे पत्रकार और उम्दा पत्रकार रहे नाजकी

वह जितने अच्छे लेखक की तरह उम्दा पत्रकार भी थे. फारूक नाजकी ने दूरदर्शन के उप महानिदेशक और श्रीनगर दूरदर्शन केंद्र के निदेशक के रूप में भी काम किया था. इसके अलावा, उन्होंने एक समाचार पत्र के संपादक के रूप में भी लंबे समय तक काम किया था. जम्मू-कश्मीर के शीर्ष नेताओं, कवियों, पत्रकारों और नागरिक संगठनों ने फारूक नाज़की के निधन पर शोक जताया है.

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साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किये गये थे पत्रकार

श्रीनगर दूरदर्शन और आकाशवाणी के पूर्व निदेशक फारूक नाजकी बांदीपोरा जिले के मदार गांव से थे. उनके पिता मीर गुलाम रसूल नज़क कश्मीर में बहुत प्रसिद्ध लेखक, कवि, प्रसारक और शिक्षक थे.फारूक नाजकी ने पहले “जमींदार” नामक एक समाचार पत्र में काम किया था. 1986 से 1997 तक श्रीनगर दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र का निदेशक था. वे भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के मीडिया सलाहकार थे. आखिरी ख्वाब से पहले उर्दू में उनका कविता संग्रह काफी चर्चित रहा है.

उनकी कश्मीरी पुस्तक ने जम्मू और कश्मीर संस्कृति, कला और भाषा अकादमी से सर्वश्रेष्ठ पुस्तक पुरस्कार भी हासिल किया. उन्होंने जम्मू और कश्मीर सरकार से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन का स्वर्ण पदक जीता, जो उसके मीडिया में योगदान के लिए था. 1982 एशियाड में फारूक नाजकी ने सर्वश्रेष्ठ मीडिया नियंत्रक का पुरस्कार भी जीता था.

 

 

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