भारत में हो चुका है जीका वायरस का हमला

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दुनियाभर में तबाही मचाने वाले जीका वायरस ने भारत में भी अपनी दस्तक दे दी है। इसे लेकर व्यापक अफरातफरी है। मजे की बात यह कि  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुजरात के अहमदाबाद में तीन लोगों में जीका वायरस की पुष्टि की है। जिन तीन लोगों में जीका वायरस की पुष्टि की गई है, उनमें एक गर्भवती महिला शामिल है। इस महिला की जनवरी में जांच की गई थी। जीका वायरस से प्रभावित तीनों लोग अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के रहने वाले हैं।

आमतौर पर यह वायरस नवजात बच्चों में होता है। इस बीमारी से बच्चों का सिर छोटा रह जाता है। उनका ब्रेन भी पूरी तरह डेवलप नहीं हो पाता।

बताया गया है कि  पिछले साल 10 से 16 फरवरी के बीच एक्यूट फर्बाइल इलनेस (एएफआई) सर्विलांस के तहत अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में कुल 90 हजार ब्लड सैंपल लिए गए थे। एक सैंपल 64 साल के एक शख्स का था। इसका टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी अपनी वेबसाइट पर अहमदाबाद में जीका वायरस के तीनों मामलों की पुष्टि की है। वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, पुणे की नेशनल रेफरेंस लैबोरेटरी ने फाइनल नतीजे दिए हैं, इसमें तीनों पीड़ित आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं।

जीका वायरस सबसे पहले ब्राजील में पाया गया। अब यह धीरे-धीरे अफ्रीका, अमरीका और एशिया के कई देशों में पैर पसार चुका है। जीका वायरस का नवजात बच्चों पर ज्यादा असर होता है। इस वायरस के प्रभाव के चलते बच्चों का सिर छोटा रह जाता है। उनका दिमाग भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है। वह अपनी उम्र के बच्चों से पिछड़ जाते हैं।

जीका वायरस एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है, ये मच्छर चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं। बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान और सिर दर्द आदि जीका वायरस के लक्षण हैं।

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