झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में मानवता को शर्मशार कर देनेवाली सनसनीखेज घटना से लोग दहल गये. यहां हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के नुरदा गांव के टुंगूबासा में अपराधियों ने डायन-बिसाही के आरोप में एक ही परिवार के चार लोगों की काटकर सामूहिक हत्या कर दी और शवों को ईलीगाड़ा के पास रेलवे की पटरी पर फेंका दिया. मृतकों में महिला रोयबारी सिंकू व उसके चार साल के बेटा व 6 माह की बेटी की पहचान हुई है. जबकि एक अन्य शव की पहचान का पुलिस प्रयास कर रही है. घटना के दौरान मृतका की एक सात साल की बेटी अपराधियों के चंगुल से भागकर अपने बड़े पिता के पास जा पहुंची, जिससे उसकी जान बच गई. इस लोमहर्षक घटना से बच्ची काफी सहमी हुई है. पुलिस ने उसे अपने संरक्षण में रखा है. महिला रोयबारी सिंकू का पति बिनू सिंकू उर्फ सेट्टी पुणे में मजदूरी करता है. पुलिस ने उसे घटना की सूचना दे दी है और वह गांव के लिए रवाना हो गया है.
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पहले पेंड़ में बांधकर पीटा, फिर हत्या कर लाशें रेल ट्रैक पर फेंक आए
मिली जानकारी के अनुसार गांव के कुछ लोग रोयबारी सिंकू पर डायन बिसाही का आरोप लगाकर अक्सर झगड़ा और मारपीट करते थे. इसके बाद हत्यारों ने शुक्रवार की देर रात दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया. अपराधियों ने रोयबारी सिंकू घर पर हमला कर परिवार को बंधक बना लिया. इसके बाद चार साल के बेटे व 6 माह की बेटी को एक बोरा में बांध दिया गया. इसके बाद रोयबारी और उसकी सात साल की बेटी व एक युवक को पेड़ से बांधकर सभी ने जमकर पिटाई की. इसी दौरान उसकी बेटी अंधेरे में किसी तरह जान बचाकर भाग खड़ी हुई. इस बीच रोयबारी, दो बच्चे व युवक की हत्या उसी जगह कर दी गई. हत्यारों ने यहां से शवों को उठाकर रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया. ताकि सामूहिक हत्या पर पर्दा डाला जा सके. रात 3.30 बजे मालगाड़ी के चालक ने पटरी पर करीब डेढ़-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर शवों के होने की जानकारी केंदपोसी रेलवे स्टेशन व रेल पुलिस को दी. इसकी खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया. जगन्नाथपुर एसडीपीओ राकेश नंदन मिंज व हाटगम्हरिया थाना की पुलिस घटनास्थल पहुंच कर शवों की पहचान कराने में जुट गई. एक साथ चार शवों के मिलने की सूचना पर गांव के लोग भी पहुंचे. तभी मृतका रोयबारी के जेठ और नुरदा गांव निवासी जुंबल सिंकू ने शवों की पहचान की. जुंबल ने पुलिस को बताया कि उसके छोटे भाई बीनू सिंकू की पत्नी रोयबारी सिंकू के साथ गांव के कुछ लोग अक्सर डायन का आरोप लगाकर मारपीट करते थे. उसने उन्हीं लोगों पर हत्या का संदेह जताया.
पंचायत में हुआ था समझौता, फिर भी नही माने हत्यारे
डायन के संदेह में यह विवाद काफी दिनों से चल रहा था. समझदार लोगों ने हत्यारोपित परिवार को अंध विश्वास पर ध्यान न देने की बात कही. लेकिन वह मानने को तैयार नही हुए. बताया जाता है कि गांव में ही ओझैती करनेवाला एक व्यक्ति इन लोगों को भड़का रहा था. कुछ दिन पूर्व ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में पंचायत हुई और लिखित समझौता भी हुआ. लेकिन विरोधी नही माने और दिल दहला देनेवाली घटना को अंजाम दे दिया. जेठ ने बताया कि अपराधियों के चंगुल से बचकर भतीजी मेरे पास आयी थी. उसे सुबह पुलिस के हवाले किया गया. मामले की जांच जगन्नाथपुर डीएसपी को सौंपी गई है. इस मामले में पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहाकि तीन शवों की पहचान हो पायी है. दूसरी जगह हत्या कर शवों को रेलवे ट्रैक पर फेंका गया है. घटना का खुलासा जल्द किया जाएगा.