11वीं में पढ़ने वाले जयचंद हर साल लगाते हैं 40 पौधे
आज हमारे जीवन में पेड़-पौधों का कितना महत्व है सब को पता है लेकिन इसके बावजूद लोग आंखों पर लोभ-लालच की पट्टी बांधकर पेड़-पौधों को काट रहे हैं। देश की बढ़ती जनसंख्या की वजह से धीरे-धीरे हमारी अमूल्य धरोहर जगंल कम हो रहे हैं और काटे जा रहे हैं। स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जाता है कि वन हमारी अमूल्य सम्पदा है, लेकिन इस बात को कुछ ही बच्चे शायद समझ पाते हैं, उन्हीं बच्चों में एक हैं जयचंद।
11वीं का छात्र है जयचंद
जयचंद पिछले चार साल से पर्यावरण को बचाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। जयचंद जब सातवीं कक्षा में पढ़ रहे थे तो उनके शिक्षकों ने पर्यावरण को बचाने और नुकसान के बारे में बताया था। शिक्षकों द्वारा कही गईं वो बातें जयचंद के दिलोदिमाग में ऐसे घर कर गईं कि जयचंद ने फैसला कर लिया कि अब से वो हर साल 40 पौधे लगाएंगे और उनकी खुद ही देखभाल करेंगे।
हर साल लगाते हैं 40 पौधे
जयचंद तभी से हर साल 40 पौधे लगाते हैं और उनकी देखभाल वो खुद ही करते हैं, खास बात ये है कि जयचंद के लगाइ गए करीब 200 पेड़-पौधों में 95 प्रतिशत पेड़ हरे-भरे हैं। जयचंद ने इसकी जब शुरूआत की थी तो अपने गांव भांगडी की बंजर जमीन पर पेड़ लगाकर की थी। जयचंद की ये कोशिश न सिर्फ पर्यावरण को बचाने की है बल्कि उन लोगों के लिए एक संदेश भी है जो पेड़-पौधों को काटे जा रहे हैं और कभी एक पौधा तक नहीं लगाते हैं।
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गांव के लोग भी कर रहे हैं मदद
इस छोटे से बच्चे के काम को देखते हुए अब गांव के लोग भी इसकी मदद कर रहे हैं और पौधे उपलब्ध कराते हैं। जयचंद के माता-पिता कहते हैं कि जयचंद के इस उत्साह और पर्यावरण के प्रति लगाव को देखकर वो लोग भी उनकी मदद करते हैं, और हर साल उद्यान विभाग नौहराधार से पौधे जयचंद के लिए मंगाते हैं।
मिल चुका है पुरस्कार
जयचंद बताते हैं कि सड़क के किनारे और जंगल से सटी जमीन पर नाशपाती, अखरोट, सेब जैसे फलदार पेड़ों को भी लगाया है। जयचंद के इस सराहनीय कार्य को देखते हुए राज्यस्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है।
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