जम्मू-कश्मीर: तारा चंद समेत 64 बड़े नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस, जॉइन करेंगे नई पार्टी, जाने आजाद का राजनीतिक करियर
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. यहां गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद 64 नेताओं ने मंगलवार को एक साथ कांग्रेस से पलायन कर लिया है. कांग्रेस से जिन 64 नेताओं ने इस्तीफा दिया है, उनमें पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी, घारू चौधरी, मनोहर लाल शर्मा, पूर्व विधायक बलवान सिंह, जम्मू कश्मीर कांग्रेस के सचिव नरिंदर शर्मा और महासचिव गौरव मगोत्रा शामिल हैं. ये सभी नेता रविवार को आजाद के नेतृत्व वाली नई पार्टी जॉइन करेंगे. बता दें गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में इन सभी नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया.
पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद ने कहा
‘हम खुश हैं कि आजाद अपनी पार्टी बना रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान ने एक बार भी हमसे मिलने की जहमत नहीं उठाई, हम अपनी शिकायतें व्यक्त करना चाहते थे. लेकिन किसी को हमारी सुनने की कोई इच्छा नहीं थी. अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी हमसे संपर्क किया. वे भी हमारी (आजाद की पार्टी) में शामिल होंगे. यहां तक कि सत्ताधारी बीजेपी के नेता भी हमारे साथ आना चाहते हैं.’
ये हैं इस्तीफा देने वाले नेताओं के नाम…
तारा चंद (पूर्व डिप्टी सीएम), माजिद वानी (पूर्व मंत्री), बलवान सिंह (जम्मू कश्मीर कांग्रेस महासचिव), घारू चौधरी (पूर्व मंत्री), मनोहर लाल शर्मा (पूर्व मंत्री), गुलाम हैदर मालिक, विनोद शर्मा, विनोद मिश्रा, नरिंदर शर्मा, मसूद, परविंदर सिंह, अराधना अंदोत्रा, संतोष महनास, संतोष मनजोत्रा, वरुण मंगोत्रा, रेहाना अंजुम, रसपौल भारद्वाज, तीरथ सिंह, नीरज चौधरी, सरनाम सिंह, राजदेव सिंह, अशोक भगत, अश्विनी शर्मा, बद्री शर्मा, जगतार सिंह, दलजीत सिंह, मदन लाल शर्मा, काली दास, करनैल सिंह, करण सिंह, गोविंद राम शर्मा, राम लाल भगत, केवल कृष्ण, देवेंद्र सिंह बिंदू, कुलभूषण कुमार समेत 64 लोगों ने इस्तीफा दिया.
नई पार्टी के गठन का आजाद ने किया ऐलान…
बता दें लंबे वक्त से नाराज चल रहे गुलाम नबी आजाद ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपे करीब 5 पेज लंबे त्यागपत्र में उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी. उस दौरान उन्होंने खासतौर से वायनाड सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाया था. वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे. जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है. आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ऐलान किया कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा है कि वे जम्मू कश्मीर में नई पार्टी का गठन करेंगे और विधानसभा चुनाव में उतरेंगे.
जाने आजाद के राजनीतिक करियर के बारे में…
गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च, 1949 को जम्मू-कश्मीर के डोडा में हुआ. उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से एमएससी किया है. वे साल 1970 के दशक से कांग्रेस से जुड़े. वे साल 1975 में जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. साल 1980 में उन्होंने यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. वे पहली बार साल 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे. इसके बाद उन्हें साल 1982 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. वे साल 1984 में भी इसी सीट से जीते.
आजाद साल 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे. वे नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रहे. वे साल 1996 से 2006 तक जम्मू कश्मीर से राज्यसभा पहुंचे. वे साल 2005 में जम्मू-कश्मीर के सीएम भी बने. हालांकि, साल 2008 में पीडीपी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद आजाद की सरकार गिर गई थी. आजाद, मनमोहन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. साल 2014 में आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था. साल 2015 में आजाद को जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया था.