जालौन पुलिस फंसी गधो के चक्कर में
प्रदेश के जालौन (Jhaloon) जिले में एक ऐसा वाकया सामने आय़ा है जिसको सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। वहीं इस बार गधे को हिरासत में लेने की वजह से पुलिस चारों तरफ से चर्चा का विषय बनी है। जिले में जहां हत्या, लूट और चोरी की घटनाएं आम हो गयी है। वहीं पुलिस अपराधियों को न पकड़ गधों को हिरासत में लेने से सुर्खियों में बनी है। जिले की पुलिस अब गधों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है।
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4 दिनों तक बंद रखा जेल में
घटना प्रदेश के जालौन जिले का है जहां पुलिस ने गधों के एक समूह को हिरासत में लिया गया था। मिली जानकारी के अनुसार उरई में हिरासत में लिए गए इन गधों ने जिला जेल के बाहर लगे पेड़ों को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद पुलिस के जवान इन्हें पकड़कर थाने में ले आए। हिरासत में लिए गए इन गधों को 4 दिनों तक थाने में ही रखा गया। फिर छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद थाने के बाहर खड़े गधों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर हुईं तो लोगों ने इसके बहाने पुलिस की कार्रवाई का मजाक बनाया। वहीं इस मामले पर उरई जिला जेल के हेड कॉन्स्टेबल आर के मिश्रा ने कहा कि इन गधों ने जेल के बाहर रखे कई महंगे पेड़ों को नुकसान पहुंचाया था। उन्होंने कहा कि इन गधों के मालिक को चेतावनी दी गई थी कि वह इन्हें खुले में न छोड़े लेकिन जब उसने ये बात नहीं सुनी तो हम इन्हें पकड़कर थाने ले आए।
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यूपी चुनाव के दौरान छिड़ी थी ‘गधों’ पर बहस
यूपी में विधानसभा के चुनाव के दौरान गधे चुनाव की बहस का एक बड़ा मुद्दा बने था। चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने रायबरेली में एक सभा के दौरान गुजरात सरकार के पर्यटन विभाग के टीवी विज्ञापन की तरफ इशारा करते हुए कहा था, ‘एक गधे का विज्ञापन आता है। मैं सदी के महानायक से अपील करता हूं कि वह गुजरात के गधों का प्रचार न करें।’ इस बयान पर कटाक्ष करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर दिल-दिमाग साफ हो तो किसी से भी प्रेरणा ली जा सकती है। पीएम ने कहा कि गधा अपने मालिक का वफादार होता है। कम खर्चे में पूरा काम करता है। गधा कितना भी बीमार हो, कितना भी थका हुआ हो, मालिक अगर काम लेता है तो बीमारी के बावजूद वह काम पूरा करता है।