कैश की नहीं है कमी, अचानक मांग बढ़ने से आ रही है दिक्कत
देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत की खबरें आने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कुछ इलाकों में नोटों की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि सरकार ने देश में करंसी के हालात की समीक्षा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में जरूरत से ज्यादा नोट सर्कुलेशन में हैं और बैंकों में भी पर्याप्त नोट उपलब्ध हैं।
नोटों का उचित वितरण करने की दिशा में कदम उठा रही है
इधर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा है कि कुछ राज्यों में नोटों की पैदा हुई किल्लत तीन दिनों में खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कैस की किल्लत है, वहां दूसरे राज्यों के मुकाबले कम नोट पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत के मुताबिक राज्यों के बीच नोटों का उचित वितरण करने की दिशा में कदम उठा रही है।शुक्ल ने कहा, ‘अभी हमारे पास 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की कैश करंसी है।
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एक समस्या है कि कुछ राज्यों के पास कम करंसी है जबकि अन्य राज्यों के पास ज्यादा। सरकार ने राज्य स्तर पर समिति गठित की है। वहीं, आरबीआई ने भी नोटों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए कमिटी गठित की है।’ वित्त राज्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि जिन राज्यों में नोटों को कमी पड़ रही है, वहां तीन दिनों में नोटों की नई खेप पहुंचा दी जाएगी। दरअसल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में बीते कई सप्ताह से जारी कैश की किल्लत से उहापोह की स्थिति पैदा हो गई है।
आखिर नए नोट गए तो गए कहां?
लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर नए नोट गए तो गए कहां? सवाल उठ रहा है कि क्या अब भी नोट कालेधन के कारोबारियों के कब्जे में चले गए हैं या रिजर्व बैंक ने ही नोटों की सप्लाई कम कर दी है? कैश की कमी की वजह से लोगों के महत्वपूर्ण काम रुक रहे हैं।
पीछे गहरी साजिश की आशंका तक व्यक्त कर दी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक व्यक्ति ने मंगलवार सुबह से 5-6 एटीएम का चक्कर लगाने के बाद कहा कि उन्हें बच्चों का ऐडमिशन करवाने के लिए पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। साथ ही, रोजमर्रा के सामान और सब्जियां भी नहीं खरीद पा रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कुछ राज्यों में शुरू हुई नोटों की कमी की समस्या पूर्वी महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में भी फैल गई। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो इसके पीछे गहरी साजिश की आशंका तक व्यक्त कर दी। हालांकि, केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण से कैश क्रंच का असली कारण पता चल चुका है।
NBT
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