इस तरह इसरो कर रहा कमाई जोरदार

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भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने काम से न केवल देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धी कर रहे हैं। जी हां भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍था ने इसरो ने वित्त वर्ष 2018-19 में विदेशी उपग्रहों को लांच करने कर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 91.63 करोड़ रुपये का इजाफा किया है।

पांच साल में कमाये 1,245.17 करोड़

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने को यह जानकारी देश के साथ साझा की है। सरकार के अनुसार  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने 26 देशों के उपग्रहों को लांच कर बीते पांच वर्षो में 1,245.17 करोड़ रुपये की कमाई की है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, लांच से 324.19 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि 2017-18 में 232.56 करोड़ रुपये की आय हुई थी।

319 विदेशी उपग्रहों को भेजा  अंतरिक्ष में

भारत ने अबतक कक्षा में 319 विदेशी उपग्रहों को स्थापित किया है। वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत बीते पांच वर्षो में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा, सिंगापुर, नीदरलैंड, जापान, मलेशिया, अल्जीरिया और फ्रांस ने इस बाबत कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे। इसरो के चेयरमैन के. सिवन के अनुसार, भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) अभी तक 52.7 टन भार उठा चुका है और इनमें से 17 प्रतिशत ग्राहकों के उपग्रह हैं।

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