कोविड-19 मामलों में बढ़ोत्तरी का कारण ‘गैर जिम्मेदाराना रवैया’: हर्ष वर्धन

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा है कि देश में कोविड-19 मामलों की वृद्धि का कारण लोगों का ‘गैर जिम्मेदाराना रवैया’ है। उन्होंने लोकसभा सांसदों से महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने की अपील की। संसद के निचले सदन में कोविड-19 पर एक विशेष चर्चा में उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार के कारण महामारी तेजी से फैल रही है।

उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि लोग अनलॉक प्रक्रियाओं को गलत समझ बैठे हैं और ऐसा मान रहे हैं जैसे सब कुछ ठीक हो गया है और वे तनाव-मुक्त हो गए हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि कोविड को लेकर एहतियात महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने आगे कहा, “हाथों को चेहरे से दूर रखना चाहिए। मास्क अवश्य पहनना चाहिए और साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए।”

मंत्री की सांसदों से अपील

मंत्री ने सांसदों से अपील की कि वे कोविड-19 से संबंधित उचित व्यवहार के बारे में जन जागरूकता फैलाएं और इससे जुड़ा अभियान शुरू करें और इसे अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में लागू करें।

उन्होंने करीब पांच घंटे की बहस के जवाब में आगे कहा, “यदि हम अपने व्यवहार में लिप्त शिथिलता को समाप्त कर देंगे, तो कोविड के खिलाफ लड़ाई जल्द जीती जा सकती है। हमें कोविड ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ना होगा।”

मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह संक्रमण हवा से नहीं फैलती है और इसका चक्र मनुष्यों के माध्यम से होता है और जब तक कोविड वैक्सीन बाजार में नहीं आ जाता तब तक मानव व्यवहार को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

देश भर में 54,00,620 लोग संक्रमित

हर्षवर्धन ने पांच स्वतंत्र अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि कोविड-19, जिससे अब तक देश भर में 54,00,620 लोग संक्रमित हो चुके हैं, उसका मुकाबला करने में राष्ट्रीय लॉकडाउन सहायक था।

उन्होंने कहा, “जब परिस्थिति गंभीर थी, तब लॉकडाउन ने ऐसे मामलों और मौतों को रोका।”

उन्होंने यह भी कहा कि दुनियाभर में 145 कोविड वैक्सीन उम्मीदवार प्री-क्लिनिकल मूल्यांकन में और 35 क्लिनिकल चरण में हैं।

उन्होंने कहा, “भारत में 30 वैक्सीन का समर्थन किया गया है और इनमें से तीन एडवांस मानव परीक्षण चरणों में हैं और चार से अधिक प्री-क्लिनिकल चरणों में हैं। भारत ने वैक्सीन के उपलब्ध होने पर वितरण के लिए आगे की योजना भी बना ली है।”

उन्होंने कहा, “भारत अब प्रतिदिन 12 लाख परीक्षण कर रहा है और प्रतिदिन 10 लाख परीक्षण किट बनाने की क्षमता विकसित कर चुका है।”

मंत्री ने कहा, “हमने 870 किट का मूल्यांकन किया है, 420 को रिकमेंड किया है और 308 उपयोग में हैं।”

सोशल मीडिया पर रविवार को एक घंटे की बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि महामारी भारत में चरम पर है।

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