मजदूरों के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं यह IPS ऑफिसर
आपकी एक पहल एक नई शुरुआत को जन्म दे सकती है, जो समाज में नए परिवर्तन ला सकती है। इसी सोच के साथ अपनी काम को बखूबी कर रहे हैं आईपीएस निशांत तिवारी। निशांत समाज की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही समाज को शिक्षित करने का भी काम कर रहे हैं। वो रोज शाम को उन गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं, जिन्हें हम कई बार देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। निशांत की छवि आज पूरे प्रदेश में जननायक की बन गई है। एक तरफ अपराधी जहां उनसे खौफा खाते हैं, वहीं दूसरी ओर आम लोग उनसे प्यार भी करते हैं।
निशांत बिहार के पूर्णियां जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर पोस्टेड हैं। वह जिले में रह रहे प्रवासी मजदूरों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देते हैं।
‘शाम की पाठशाला’
‘शाम की पाठशाल’ के नाम से निशांत अपनी क्लास चालते हैं, जिसमें वह दूसरे राज्यों से आए मजदूरों के बच्चों को पढाते हैं। यही नहीं इस पाठशाला में निशांत बच्चों के साथ-साथ पढ़ने के इच्छुक मजदूरों को भी शिक्षित करने का काम कर रहे हैं। उनकी इस पहल को देखते हुए आज उनका साथ देने के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं।
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साफ्टवेयर इंजीनियर निशांत
निशांत तिवारी अमेरिका में साफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे। लेकिन देश सेवा और सामज के लिए कुछ करने का जज्बा उन्हें देश खींच लाया। जिसके बाद वह भारतीय पुलिस बल में शामिल हो गए। आज निशांत अपने व्यस्त समय में से कुछ घंटे निकालकर अपनी ‘शाम की पाठशाला’ में आते हैं।
बच्चों के हीरो
निशांत की पाठशाला में पढ़ने आने वाले बच्चे उन्हें अपना हीरो मानते हैं। बेहद गरीबी में जी रहे यहां पढ़ने आने वाले बच्चे निशांत जैसा ही बनना चाहते हैं।
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