BHU में पहलः दो समन्वयकों को दी गई जिम्मेदारी

नवनियुक्त संकाय सदस्यों को बीएचयू के विभिन्न पहलुओं से बेहतर ढंग से कराया जाएगा परिचित

0

संस्थागत उत्कृष्टता के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अग्रसर है. इस दिशा में बीएचयू द्वारा संकाय सदस्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए व्यापक चयन प्रक्रिया का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें से लगभग 100 संकाय सदस्यों को नियुक्ति पत्र भेजे जा चुके हैं. नए संकाय सदस्यों को विश्वविद्यालय के विभिन्न पक्षों, प्रक्रियाओं एवं कार्य वातावरण से परिचित कराने एवं संस्थान के अनुरूप अनुकूलन में सहयोग के लिए बीएचयू प्रशासन प्रतिबद्धता जताई है.
बताया गया कि नए सदस्यों को संस्थान के विविध पक्षों से भलीभांति अवगत कराना महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने, कार्य क्षमता में वृद्धि एवं संस्थान के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अहम है.

Also Read: कोलकाता रेप एंड मर्डर केस: आठवें दिन बीएचयू वीसी आवास पहुंचे रेजिडेंट डाक्टर

नये सदस्यों को सशक्त करने पर जोर

इसी के मद्देनज़र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा एक नई शुरुआत के तौर पर Faculty Recruitment and Assistance Program के तहत दो समन्वयक नियुक्त किये गए हैं. यह कदम कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की पहल पर उठाया गया है. प्रो. जैन का विश्वविद्यालय में ऐसा वातावरण विकसित करने पर विशेष जोर है जिसमें सभी सदस्यों को सशक्त किया जाए और वे मिलकर संस्थागत लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर अग्रसर हों.

प्रो. संदीप कुमार और प्रो. अजय कुमार को सौंपी गई जिम्मेदार

चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पैथोलॉजी विभाग के प्रो. संदीप कुमार को आईएमएस के लिए और भौतिकी विभाग, विज्ञान संस्थान के प्रो. अजय कुमार को शेष विश्वविद्यालय के लिए समन्वयक नियुक्त किया गया है. समन्वयकों की मुख्य ज़िम्मेदारी नए संकाय सदस्यों को विश्वविद्यालय के अनुरूप तालमेल स्थापित करने में सहयोग करना होगा. इस प्रक्रिया में वे ओरिएंटेशन कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, विश्वविद्यालय में और उसके बाहर शैक्षणिक व अनुसंधान अवसरों से लाभान्वित होने के बारे में मार्गदर्शन करेंगे. इसके अलावा कार्यालय के लिए स्थान, प्रयोगशाला की सुविधा, और आईटी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे. समन्वयकों की कोशिश होगी कि वे अंतर-विभागीय संवाद स्थापित कराएं और सहयोग की संभावनाओं पर कार्य करें, जिससे नए सदस्यों के लिए भविष्य में पारस्परिक साझेदारी एवं सार्थक पेशेवर संबंध विकसित करना संभव हो सके.

Also Read: अजब प्रेम की गजब कहानी: प्रेमिका ने रेत दिया प्रेमी की पत्नी का ही गला, हालत गंभीर

नए संकाय सदस्यों का मार्गदर्शन किया जाएगा

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बताया गया कि इसके अलावा शिक्षण व अनुसंधान ज़िम्मेदारियों के संबंध में नए संकाय सदस्यों का मार्गदर्शन किया जाएगा. नए संस्थान से जुड़ने के समय आमतौर पर आने वाली चुनौतियों के समाधान में मदद की जाएगी. यहीं नहीं शोध प्रस्तावों को लिखने, वित्तीय अवसरों एवं प्रशासनिक सहयोग के लिए भी मदद की जाएगी. समन्वयकों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे इस संबंध में प्रगति को दर्ज करने हेतु एक प्रभावी फीडबैक तैयार करें.यदि किसी प्रकार की चुनौतियां आती हैं तो यह सुनिश्चित करें कि उनका जल्द से जल्द समाधान हो. इस पूरी कवायद का उद्देश्य है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से जुड़ने वाले प्रतिभावान सदस्यों को विश्वविद्यालय की संस्कृति व मूल्यों के बारे में बेहतर ढंग से जानकारी करना है. संस्थान के बारे में अपनी समझ विकसित कर वे विश्वविद्यालय के लक्ष्यों के साथ खुद को प्रभावी ढंग से जोड़ें. यह भी बताया गया कि कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन का इस बात पर विशेष ज़ोर है कि संकाय सदस्यों की नियुक्ति के साथ साथ उनका एक प्रभावी अभिविन्यास कार्यक्रम भी होना चाहिए. प्रो. जैन ने कहा, “जब नए सदस्य संस्थान से जुड़ते हैं, तो वे नए विचार, नई सोच लेकर आते हैं. हमें इस नई सोच को सही दिशा में लगाना होगा. एक व्यवस्थित व कुशल अनुकूलन प्रक्रिया यह सुनिश्चित कर सकती है कि नए सदस्य संस्थान की उन्नति में रचनात्मक व नए ढंग से योगदान दें. कुलपति ने कहा कि समन्वयकों की नियुक्ति नए संकाय सदस्यों के सशक्तिकरण एवं विश्वविद्यालय परिवार में उनके अनुकूलन के प्रति बीएचयू की मजबूत प्रतिबद्धता का द्योतक है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More