सीएजी ने खोली पोल, देश का स्वास्थ्य महकमा बीमार है !

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देश बदल रहा है सरकारें बदल रहीं हैं नहीं बदल रहा है तो सिर्फ गरीब का भविष्य, क्योंकि जिन्होंने बदलने का वादा किया था साहब वो खुद ही बदल गए हैं, मुकर गए अपने वादों से कि हमने तो सिर्फ वो बातें चुनाव जीतने के लिए किया था, वो तो चुनावी जुमला था जो चुनाव के साथ ही कहीं दब गया। देश की सरकार में बैठे लोग कह रहे हैं कि देश तेजी से विकास कर रहा है, आगे बढ़ रहा है, अर्थव्यवस्था आसमान छू रही है। इन सब बातों से इतर जो हकीकत है वो ये है कि देश का स्वास्थ्य महकमा बीमार है, उसे इलाज की जरुरत है, जिसे दूसरों के स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए वो खुद ही स्ट्रेचर पर पड़ा हुआ है, सबसे पहले सरकार को चाहिए कि उसका इलाज करे और स्वास्थ्य विभाग में सुधार।

सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा

दरअसल ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सरकार की ही एक इकाई है सीएजी जिसने सर्वे में बताया है कि देश का स्वास्थ्य विभाग किस कदर से नासाज हो चुका है। कहीं किसी की इसलिए मौत हो जाती है क्योंकि उसे समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती है अगर मिल भी गई तो समय पर डॉक्टर नहीं मिलते हैं और अगर डॉक्टर भी मिल गए तो समय पर इलाज नहीं हो पाता है। ऐसे में इस महकमे को बीमार नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे?

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आइए अब आपको बताते हैं स्वास्थ्य विभाग की असलियत के बारे में जिसको जानकर आपकी रुंह कांप जाएगी। साल 2017-18 के लिए स्वास्थ्य बजट 48853 करोड़ रुपए था। वहीं साल 2011-12 में जो पैसा स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया गया उसमें 7 हजार 375 करोड़ रुपए को खर्च ही नहीं किया गया। देश के 27 राज्यों में साल 2015-16 में बजट का 9509 करोड़ रुपए नहीं खर्च किया गया। साल 2011-16 के बीच बिना खर्च बजट 30 प्रतिशत बढ़ गया। जन स्वास्थ्य के लिए आवंटित 9500 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं हुए।

देश में स्वास्थ्य सेवाओं का खस्ताहाल

देश की 130 करोड़ जनता के लिए सिर्फ 14 लाख बेड हैं मतलब 923 लोगों पर एक बेड, साथ ही विदेशी मरीज भी आते हैं। भारत में कुल 7 लाख 40 हजार डॉक्टर हैं, ऐसे में 1674 लोगों की जिम्मेदारी एक डॉक्टर पर है। वहीं देश के सबसे बड़े सूबे की बात करें तो यहां पर भी स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दयनीय है। यूपी के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो कुल मिलाकर अस्पतालों की संख्या 515 है और बेड मात्र 15450 हैं, वहीं शहरों की बात करें तो अस्पतालों की संख्या 346 और बेड 40973 हैं। यूपी में कुल सरकारी अस्पताल 681 हैं। हर अस्पताल पर औसत मरीजों की संख्या 229118 है। यूपी की 22 करोड़ जनता के लिए महज 56 हजार बेड हैं।

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