लंदन कोर्ट में विजय माल्या के खिलाफ भारत का कड़ा दांव

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शराब कारोबारी भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण के दिशा में भारत ने लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में कड़ा कदम उठाया है। भारत की तरफ से यूके धोखाधड़ी अधिनियम, 2006 का प्रयोग किया गया है जो झूठी जानकारी देने से संबंधित है।

माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी का मजबूत केस बन गया है

जैसा कि माल्या ने सरकार से जानकारी छिपाते हुए सार्वजनिक बैंक से कर्ज लिया था।तरफ से रखे गए बचाव के तर्कों का कड़ा जवाब दिया। सुनवाई के दौरान माल्या की तरफ से पेश हुए गवाह ने भी कहा कि उन्होंने सारे बयान प्रेस रिपोर्ट के मुताबिक दिए हैं न कि व्यक्तिगत जानकारी के अनुसार। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लंदन कोर्ट में माल्या के खिलाफ मजबूती से केस लड़ा जा रहा है और प्रथमदृष्ट्या माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी का मजबूत केस बन गया है।

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एक अधिकारी ने बताया, ‘सीपीएस लॉयर मार्क समर ने शुरुआत में ही कहा कि गलत जानकारी देकर कर्ज वापस न करने के इरादे से लिया गया था। वकील ने भारत के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सामने की गई गलतियों की भी बात कही।’ उन्होंने कहा के सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की सुनवाई के दौरान माल्या के पास कोई जवाब नहीं था।

…न कि व्यक्तिगत जानकारी के अनुसार

माल्या के वकील के पक्ष के बारे में अधिकारी ने बताया कि उनके तर्कों में काफी विसंगतियां थीं। जैसा कि उनके गवाह ने भी कहा कि सारे बयान मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट्स के सुझाव के आधार पर दिए गए हैं न कि व्यक्तिगत जानकारी के अनुसार।

(साभार – एनबीटी)

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