वाराणसी: नेटफ्लिक्स पर इनकमटैक्स विभाग ने करोड़ो की हेराफेरी के मामले को लेकर रडार पर ले लिया हैं. जिसमे अब नेटफ्लिक्स को कई मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है. इनकमटैक्स के अफसर ने आकलन लगाया है कि वर्ष 2021-22 में भारत में नेटफ्लिक्स की परमानेंट स्थापना के लिए लगभग 55.25 करोड़ रुपए (6.73 करोड़ डॉलर) की आय का क्रेडिट दिया है. भारत के अंदर नेटफ्लिक्स पर टैक्स लगाने के लिए इनकमटैक्स विभाग सख्त कदम उठा रहा है. क्योंकि नेटफ्लिक्स पर करोड़ों रुपए की टैक्स हेराफेरी का आरोप लगा है.
👩💻🏢 #Netflix had some employees and infrastructure in India to support its streaming services.
💸🪙 Tax officials argued that Netflix becomes liable for being taxed on the Income generated in India.#finance #business #government #india #income #streaming #tax #infrastructure pic.twitter.com/jbrlQHM05J
— Business2Business (@B2B_ind) May 12, 2023
बता दें की यह पहली बार हो रहा है कि जब भारत ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स सर्विस देने वाली किसी विदेशी कंपनी पर टैक्स लगाएगा. आयकर अधिकारियों के इस कदम के पीछे तर्क यह है कि नेटफ्लिक्स ने अपनी स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए सहायता प्रदान करने के लिए अपने कुछ कर्मचारियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारत में मूल युनिट से भर्ती किया है. इसने भारत में एक स्थापना की है, जो बदले में टैक्स के लिए एक दायित्व बनाता है.
आईटी विभाग का कंपनियों को नोटिस
नए वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर भरने फॉर्म आ गए हैं. इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं आयकर विभाग पिछले कुछ सालों के रिटर्न का छानबीन कर कंपनियों को नोटिस दे रहा है. कहीं आपको भी इनकम टैक्स विभाग का मिला है तो ध्यान दे कि समय पर अपना टैक्स चुका दें नहीं तो आयकर विभाग आपके लिए कई परेशानियां खड़ी कर सकता है. इससे पहले आपको जान लेना चाहिए कि आपको टैक्स नोटिस क्यों मिल रहे हैं.
नेटफ्लिक्स का इस बात से इंकार
बता दें कि इनकम टैक्स विभाग का यह कदम डिजिटल इकोनॉमी को रेग्युलेट करने के भारत के प्रयासों का हिस्सा है और यह सुनिश्चित करता है कि विदेशी कंपनियां देश में अर्जित राजस्व पर टैक्स का भुगतान करें. भारत सरकार पिछले कुछ समय से एक डिजिटल टैक्स की शुरुआत पर चर्चा कर रही है, और नेटफ्लिक्स के खिलाफ इस कार्रवाई को अन्य विदेशी डिजिटल कंपनियों के भविष्य के टैक्सेशन के परीक्षण मामले के रूप में देखा जा सकता है.