इस गांव के हर घर में है एक ‘शानदार खिलाड़ी’

0

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर पुरई, खेल गांव के रूप में मशहूर है। यहां से निकले खिलाड़ियों ने जिले के बाद प्रदेश और देश में भी गांव का नाम रोशन किया है। गांव का एक खिलाड़ी तो अंतर्राष्ट्रीय खो-खो मैच में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुका है।
खेलों की बदौलत यहां के करीब 40 युवा पुलिस, सेना और व्यायाम शिक्षक की नौकरियों में हैं। हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत रायपुर भ्रमण पर आए सरपंच सुखित यादव ने बताया कि गांव के हर घर में अमूमन एक खिलाड़ी है।

उन्होंने कहा कि गांव में खुला मैदान तो था, लेकिन अभ्यास के दौरान वहां आने-जाने वालों की वजह से असुविधा होती थी और खेल में व्यवधान भी पड़ता था। मिनी स्टेडियम बन जाने से खिलाड़ी अब अपना पूरा ध्यान खेल पर लगा सकेंगे। खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने और उनका हुनर निखारने यहां ग्राम समग्र विकास योजना के तहत 31 लाख रुपये की लागत से मिनी स्टेडियम बनाया गया है।

पुरई के सरपंच यादव बताते हैं कि खेलों के कारण गांव में लोग स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं। इससे यहां स्वच्छ भारत मिशन के कार्यो को भी अच्छी गति मिली है। खेलों के साथ ही यहां के अभिभावक शिक्षा और बच्चों के कौशल विकास को लेकर भी खासे जागरूक हैं।

Also read : गीतों के जरिए ‘गांधी’ के संदेशों को फैला रहीं ये गायिका

अपने पंचायत द्वारा किए जा रहे कार्यो के बारे में यादव बताते हैं कि घरेलू नल कनेक्शन के जरिए गांव के 250 घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। सी.सी. रोड बन जाने से गांव की गलियां अब धूल और कीचड़ से मुक्त हो गई हैं। दस लाख रुपये की लागत से हाईस्कूल में बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी कराया गया है।

सुखित यादव ने बताया कि गांव के बच्चों में खेलों के प्रति गहरे रुझान को देखते हुए यहां मिनी स्टेडियम की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसके बन जाने से गांव के बच्चों और युवाओं की एक बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है। करीब चार एकड़ क्षेत्र में फैले इस स्टेडियम में अब अनेक खेल आयोजनों के साथ ही गांव के खिलाड़ी बिना किसी व्यवधान के अभ्यास कर सकेंगे।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More