तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष ने लोकतंत्र की हत्या की : स्टालिन

0

तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने सोमवार को अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के बागी विधायकों को दलबदल विरोध कानून के अंतर्गत अयोग्य घोषित किए जाने के विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल के फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया।

Also Read : दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को बधाई के साथ दे दी ये नसीहत

डीएमके  के नेता एम.के स्टालिन ने कहा

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता एम.के स्टालिन ने कहा कि मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष धनपाल ने विधायकों को अयोग्य घोषित कर लोकतंत्र की हत्या की है जिन्होंने मुख्यमंत्री को बदलने की राज्यपाल से मांग की थी।

मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी को अपने आप बहुमत मिल गया…

पीएमके के संस्थापक एस. रामदॉस ने कहा, “लोकतंत्र की हत्या की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। विधायकों को अयोग्य ठहराया जाना दल-बदल कानून के किसी नियम के तहत नहीं किया गया है।विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने सोमवार को एआईएडीएमके के टी.टी.वी दिनाकरन समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद विधानसभा में मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी को अपने आप बहुमत मिल गया है।

रूल्स 1986′ के तहत अयोग्य घोषित किया गया…

विधानसभा सचिव के. बूपति ने कहा कि इन 18 विधायकों को ‘तमिलनाडु लेजिस्लेटिव एसेंबली (डिस्क्वालिफिकेशन आन ग्राउंड आफ डिफेक्शन) रूल्स 1986’ के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। सोमवार से यह सभी विधायक नहीं रह गए हैं।

पलनीस्वामी को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए

स्टालिन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी कहा हुआ है कि दलबदल विरोध कानून तब लागू नहीं हो सकता, जब विधायक खुद कहें कि हम अपने मुख्यमंत्री को समर्थन नहीं दे रहे हैं। स्टालिन ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। उन्हें और पलनीस्वामी को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पीएमके नेता ने राज्यपाल राव को भी ‘लोकतंत्र की हत्या करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का जिम्मेदार ठहराया।’

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More