अनोखी पहल: खुले में किया शौच तो छिन जाएगी आपकी लुंगी !

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रांची शहर में अगर किसी ने खुले में शौच किया तो उसकी लुंगी छिन सकती है। रांची नगर निगम ने यह अभियान शुरू किया है। इसका मकसद रांची नगर निगम के इलाके को दो अक्तूबर तक खुले में शौच से मुक्त घोषित करना है। इस अभियान का नाम हल्ला बोल, लुंगी खोल रखा गया है।24 सितंबर से शुरू किए गए इस अभियान के तहत रांची नगर निगम की टीम खुले में शौच वाले संभावित ठिकानों पर धावा बोलती हैं।

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अंत:वस्त्रों में ही अपने घर की ओर भागने के लिए मजबूर…

इसके लिए नदी या तालाब किनारे वाले स्थानों अथवा पहाड़ों की तलहटी, जंगल के आसपास के इलाके या झाड़ियों वाले स्थान को चुना जाता है। नगर निगम की इनफोर्समेंट टीम में शामिल 15 सदस्य ऐसे जगहों पर जाते ही खुले में शौच करने वालों की लुंगी छीन लेते हैं। उन्हें कमर से नीचे के अंत:वस्त्रों में ही अपने घर या मुहल्ले की ओर भागने के लिए मजबूर किया जाता है। अब तक 10 लोगों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई हो चुकी है। नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. किरण कहती हैं कि हमारी इनफोर्समेंट टीम खुले में शौच से मुक्त करने वालों पर धावा बोल कर किसी को प्रताड़ित नहीं करना चाहती है।

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दो अक्तूबर तक खुले में शौच से मुक्त

हम उनके लिए असहज स्थिति पैदा कर उनके दिमाग में यह बैठाना चाहते हैं कि वे खुले में शौच जैसी गंदी आदत को त्याग दें। नगर निगम प्रशासन लोगों की मांग पर निजी शौचालय बना चुका है। जहां निजी शौचालय की सुविधा नहीं है, वहां सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके बावजूद लोग आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। रांची शहर के 55 में से 33 वार्ड खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो चुके हैं। नगर निगम प्रशासन का दावा है कि 30 सितंबर तक बाकी झारखंड के 41 में से 36 शहर खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। यह दावा नगर विकास विभाग का है। केवल रांची, धनबाद, रामगढ़, विश्रमपुर और हुसैनाबाद ही खुले में शौच से मुक्त नहीं हुए हैं। इन्हें भी दो अक्तूबर तक खुले में शौच से मुक्त करा लिया जाएगा।

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शौच करता करता दिखा तो सीटी और ढोल नगाड़ा बजाया जायेगा

तो दूसरी तरफ बिहार में अगर कोई खुले में शौच करता करता दिखा तो सीटी और ढोल नगाड़ा बजा कर लोगो को रोका जायेगा। इतना ही नहीं खुले में शौच करने वालों को गुलाब का फूल देकर सेल्फी ली जाएगी। लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए सीटी बजाने और ढोल-नगाड़ा बजाने के विकल्प भी अपनाए जाएंगे। नगर विकास एवं आवास विभाग इन उपायों को अपनाने पर विचार कर रहा है।

किनारे बसी आबादी और स्लम बस्ती को चिह्नित किया जाएगा

इस अभियान के सफल संचालन के लिए राज्य स्तर पर कार्यरत प्रमुख संगठनों-नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), स्काउट एंड गाइड और नेहरू युवा केन्द्र (एनवाईके) की मदद ली जाएगी। सफल अभियान के लिए इन संगठनों के स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर महिला संगठनों की मदद भी ली जाएगी। अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) योजना की खराब स्थिति के मद्देनजर सूबे में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के लिए शहरी वार्डो के साथ ही नदी और रेलवे लाइन के किनारे बसी आबादी और स्लम बस्ती को चिह्नित किया जाएगा।

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