इस देश में रहने वालों का ‘मरना’ मना है
पूरी कायनात किसी न किसी लक्ष्य के पीछे भाग रही हैं। इस भागदौड़ भरी दुनिया में किसी के पास इतना समय नहीं होता है कि वो बैठकर कभी किसी दूसरे के बारे में सोचे। लोगों की जिंदगी इतनी व्यस्त हो गई है कि इंसान मशीनों की तरह दिनरात काम करता रहता है। करे भी क्यों न आखिर हर किसी को पैसा जो कमाना है। लेकिन इन सब के बीच जो सबसे अहम बात है वो तो इस भागदौड़ भरी लाइफ में इंसान भूला रहता है। जबकि ये एक स्याह सच है कि एकदिन हर इंसान को इस दुनिया से विदा लेना है। लेकिन इंसान उसके बारे में कभी नहीं सोचता है।
अगर हम आप से कहें कि दुनिया में ऐसी भी जगह है जहां पर लोग मरते नहीं है तो आप को ये एक मजाक के सिवा कुछ भी नहीं लगेगा लेकिन यह सच है। दरअसल, नार्वे में एक ऐसा बर्फीला इलाका हैं लोंगरवाई। इस जगह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां के लोगों का मरना असंभव है।
80 सालों में किसी को दफनाया नहीं गया
नार्वे के उत्तरी और तटीय ध्रुव के बीच द्वीप पर एक लांगर एरोलियन स्थित है जहां ठण्ड के मौसम में तापमान बहुत कम होता जाता है। यहां पर एक कब्रिस्तान तो है लेकिन पिछले 80 सालों से कोई भी लाश यहां पर नहीं दफनाई गई है।
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ठण्ड की वजह से लाशें गलती नहीं हैं
इस राज के पीछे का सच ये है कि यहां पर ठण्ड और बर्फ की वजह से यहां पर मरने वालों की लाशें कभी खराब नहीं होती हैं। जिसकी वजह से यहां के निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए यहां के रहने वालों ने यह फैसला किया कि मरने वाले को यहां से किसी दूसरे देश में दफनाया जायेगा।
लाशों के बीच जीने को मजबूर
तापमान इतना ज्यादा कम होता है कि किसी भी शव को दफनाना मुश्किल होता है क्योंकि वो कभी शरीर को गलने नहीं देता है। जिससे यहां पर हजारों लाशें ऐसे ही पड़ी रहती हैं और लोग इन्ही के बीच जीने को मजबूर हैं।
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