वाराणसी: शौचालय न होने से लड़की पक्ष ने शादी से किया इन्कार

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प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान के तहत एक ऐसा मामला सामने सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। एक तरफ जहां शहरों के साथ-साथ गांवों और कस्बों में स्वच्छता के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ लोग स्वच्छता अभियान के प्रति अपने कर्तव्य और निष्ठा का एक बेहतरीन उदाहरण दे रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ओडीएफ घोषित किए हुए एक गांव में लड़की पक्ष ने लड़के के पसंद होने के बावजूद भी लड़के पक्ष को शादी के लिए सिर्फ इसलिए मना कर दिया क्योंकि लड़के के घर में शौचालय नहीं है।

काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 108 गांव खुले में शौच मुक्त घोषित

आपको बता दें कि काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 108 गांव खुले में शौच मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। जिस पर दो महीने पहले ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से इसका प्रमाण पत्र दिया था।

दरअसल, गांव के शिवदासपुर पंचवटी नगर में रहने वाले ट्राली चालक नंदलाल ने बड़े बेटे कलफू की शादी के लिए तैयारी की जा रही थी। जिसमें रिश्ते के लिए लड़की पक्ष के लोग मंगलवार को मंडुवाडीह इलाके से नंदलाल (लड़का पक्ष) के घर पहुंचे। लड़की पक्ष के लोगों को लड़का पसंद आ गआ। इसके बाद शादी पक्की करने की बात पर जब लड़के के घर में शौचालय न होने की जानकारी लड़की वालों को मिली तो लड़की पक्ष के लोग भड़क गए और शादी से इंकार कर दिया।

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इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि ऐसे घर में अपनी लड़की की शादी नहीं कर सकते, जहां शौच के लिए बाहर खुले में जाना पड़ता हो।

शौचालय बनवाने हेतु नहीं मिली सरकारी मदद

इस बात से हैरान नंदलाल का कहना है कि ट्रॉली चलाने से इतनी कमाई नहीं होती है कि घर में शौचालय का निर्माण करवा सके। शौचालय बनवाने हेतु सरकारी मदद के लिए ग्राम प्रधान से लेकर ब्लाक कार्यालय तक अर्जी दे चुके हैं फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

शौचालय ना होने की वजह से बेटे का रिश्ता तय न हो पाने से नंदलाल मायूस होकर बताने लगा कि पत्नी मंजू देवी का निधन हो जाने से दो वक्त का भोजन समय पर मिलने का लाले हैं। लड़के की शादी करने की बात पर सोचा कि बहू आए जाएगी तो घर संभाल लेगी लेकिन, लगता है कि यह अरमान पूरा नहीं हो पाएगा।

गांव के कई घरों में अब तक नहीं बने हैं शौचालय

नंदलाल के मुताबिक, सूबे की सरकार ने गांव को भले ही ओडीएफ घोषित कर दिया हो लेकिन, आज भी गांव के कई घरों में शौचालय नहीं बने हैं। गांव के लोग खुले में शौच के लिए जाने के लिए मजबूर हैं।

इस मामले की जानकारी मिलने पर डीपीआरओ आनंद सिंह का कहा है कि ग्राम सभाओं से प्रस्ताव आने पर विद्यापीठ ब्लॉक को ओडीएफ घोषित किया गया था। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कही है और यह भी कहा कि अगर नंदलाल सेवा का पात्र हुआ तो सरकारी मदद से शौचालय का निर्माण कराया जाएगा।

इस मामले पर बीडीओ रक्षिता सिंह ने कहा कि शौचालय बनवाने के लिए नंदलाल ने कभी अर्जी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि मौके पर संबंधित कर्मचारियों को भेजकर जांच करा निर्माण कराया जाएगा।

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