यूं ही नहीं IIT कानपुर पर मल्टीनेशनल कंपनियां कर रही हैं पैसों की बरसात
आईआईटी कानपुर की गिनती देश के टॉप 10 शिक्षण संस्थानों में होती है। प्लेसमेंट के मामले ने इस साल इंस्ट्टीयूट ने कामयाबी की नई ऊंचाईयों को छूआ। मल्टीनेशनल कंपनियों ने आईआईटीयंस पर लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए की बरसात की।
हर तरफ आईआईटी कानपुर की चर्चा हो रही है। इंस्टीट्यूट के 87 प्रतिशत छात्रों को इस बार प्लेसमेंट के पहले ही फेज में जॉब ऑफर हुए हैं। इनमें सात आईआईटीयंस ऐसे थे जिन्हें करोड़ों का पैकेज ऑफर हुआ है। आईआईटी कानपुर ने ये कामयाबी यूं ही हासिल नहीं की है। इसके पीछे बड़ी वजहें भी हैं।
कंपनियों के बीच कानपुर आईआईटीयंस की डिमांड
आईआईटी कानपुर पर मल्टीनेशनल कंपनियां जमकर पैसे लुटा रही हैं।देश की नामी-गिरामी कंपनियों के बीच कानपुर आईआईटीयंस की खूब डिमांड हैं। प्लेसमेंट के मामले में एक बार फिर से आईआईटी कानपुर ने देश के अन्य सभी आईआईटी संस्थानों को पीछे छोड़ दिया है। इंस्टीट्यूट के 87 प्रतिशत छात्रों को इस बार प्लेसमेंट के पहले फेज में जॉब ऑफर हुए हैं। प्लेसमेंट सेल के आंकड़ों के मुताबिक प्लेसमेंट के लिए कुल 1053 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
इनमें 87 फीसद छात्रों को कुल 238 कंपनियों ने जॉब ऑफर किए हैं। जबकि दूसरी ओर आईआईटी खड़गपुर में 82 प्रतिशत छात्रों को 192 मल्टीनेशनल और स्टार्टअप कंपनियों ने जॉब ऑफर किए हैं। आईआईटी दिल्ली में 81 और आईआईटी बांबे में 85 प्रतिशत छात्रों को पहले फेज में प्लेसमेंट मिला है। आईआईटी मद्रास में ये आंकड़ा 80 प्रतिशत रहा।
फेसबुक और माक्रोसॉफ्ट का फेवरेट बना कैंपस
मल्टीनेशनल कंपनियों के बीच आईआईटी कानपुर का क्रेज इस बात से समझा जा सकता है कि यहां पर फेसबुक और माक्रोसॉफ्ट जैसी नामी गिरानी कंपनियां भी पहुंची हुई हैं। प्लेसमेंट ड्राइव में इस बार सात आईआईटीयंस को एक करोड़ से अधिक का पैकेज मिला है। सर्वाधिक पैकेज सोशल मीडिया साइट फेसबुक ने दो छात्रों को दिया है। प्रत्येक का सलेक्शन 1.42 करोड़ रुपये सालाना पैकेज पर हुआ है। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने भी तीन छात्रों को सवा-सवा करोड़ के पैकेज दिए थे। दो अन्य छात्रों को ऑरेकल कंपनी ने एक-एक करोड़ के पैकेज पर सलेक्शन किया है।
पढ़ाई को लेकर नहीं करते कोई समझौता
आईआईटी कानपुर की इस कामयाबी के पीछे सबसे बड़ी वजह से यहां का अनुशासन। खराब रिपोर्ट कार्ड और एजुकेशनल परफॉमेंस पर खरा नहीं उतरने वाले छात्रों के खिलाफ आईआईटी प्रशासन हमेशा ही सख्त रुख अख्तियार करता है। हाल के दिनों में 136 छात्रों का निष्कासन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। परीक्षाओं में कई बार फेल होने वाले छात्रों को 136 छात्रों को आईआईटी प्रशासन ने टर्मिनेट कर दिया है। इस फैसले पर सीनेट ने भी अपनी मुहर लगा दी है।
हालांकि 31 दिसंबर को छात्र सीनेट के सामने मर्सी अपील कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक आईआईटी प्रशासन संस्था की साख बरकरार रखने और रैंकिंग सुधारने को लेकर कठोर निर्णय लेने से नहीं चूकता। यही कारण है कि कभी-कभी इसकी कीमत पढ़ाई में कमजोर छात्रों को चुकानी पड़ती है। छात्रों को परफॉरमेंस की कसौटी पर जमकर कसा जाता है। यही कारण है कि कमजोर छात्र पिछड़ जाते हैं और उन्हें बाहर का रास्ता देखना पड़ता है।
पहले भी सख्त फैसले लेते रहा है आईआईटी प्रशासन
आईआईटी प्रशासन के फैसले से छात्र हैरान हैं। छात्रों के भविष्य पर अब तलवार लटकने लगी है। दूसरी ओर आईआईटी प्रशासन का कहना है कि कई वार्निंग देने के बावजूद छात्रों में सुधार नहीं हुआ। आखिरकार उन्हें ये फैसला लेना पड़ा। इंस्टीट्यूट ने निष्कासित छात्रों के माता-पिता को भी छात्रों के निष्कासन के बारे में सूचना दे दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अपने निष्कासन से मायूस छात्रा कोई चरम कदम न उठाएं। कैंपस में छात्रों के निष्कासन का ये कोई पहला वाक्या नहीं है, इसके पहले भी कैंपस में खराब एजुकेशनल परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों को टर्मिनेट किया जा चुका है।
-मई 2016 में खऱाब एजुकेशनल परफॉरमेंस के आधार पर 63 छात्र टर्मिनेट हो चुके हैं।
-इसी आधार पर दिसंबर 2016 में 38 छात्र टर्मिनेट किए गए
– जुलाई 2017 में 60 छात्रों को बार-बार परीक्षा में फेल पर टर्मिनेट किया गया।
-10 अक्टूबर 2017 को 22 छात्रों को रैगिंग के आरोप में निकाला जा चुका है।
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