IIT-BHU के प्रोफेसर ने तैयार किया स्मार्ट सिटी ट्रैफिक सिस्टम

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वाराणसी में आए दिन जाम की समस्या के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखकर IIT-BHU के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के परिवहन अभियांत्रिकी अनुभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अंकित गुप्ता और सुमित मिश्रा ने स्मार्ट सिटी ट्रैफिक सिस्टम के लिए बेहतर डेटा प्रणाली को विकसित किया है. इसके प्रयोग से शहर के लोगों को न केवल भीड़-भाड़ की समस्या से निजात मिलेगी, बल्कि बेहतर यातायात प्रबंधन में भी यह मददगार होगा. इससे गाड़ियों से होले वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकेगा.

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लोगों के डेटा को एकत्र कर जाम की समस्या को किया जाएगा कम

स्मार्ट सिटी ट्रैफिक डेटा प्रबंधन प्रणाली कई स्रोतों से डेटा एकत्र करके काम करती है. इसमें हर दिन यात्रियों से प्राप्त क्राउडसोर्स की जानकारी और शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित निजी सेंसर से प्राप्त डेटा शामिल है. रोजाना शहर की सड़कों का प्रयोग करने वाले यात्रियों से प्राप्त क्राउडसोर्स की जानकारी को उनके मोबाइल में जीपीएस के ऐप का प्रयोग करके एकत्र किया जाता है. ट्रैफिक डायवर्जन में भी यह अध्ययन उपयोगी साबित होगा.

18 सितंबर 2019 को दाखिल किया था पेटेंट

यातायात प्रबंधन के दृष्टिकोण से कदम आगे बढ़ाते हुए अंकित गुप्ता और सुमित मिश्रा ने सिस्टम फॉर स्पेशिओ-टेम्पोरल ट्रैफिक डाटा रिपोर्टिंग फॉर स्मार्ट सिटी सर्विसेज शीर्षक से पेंटेंट को स्वीकृत कराया है. 18 सितंबर 2019 को पेटेंट दाखिल किया गया, जिसको इस वर्ष के 17 मई को स्वीकृति मिली है. बता दें कि 5 वर्ष के बाद इसके पेटेंट को स्वीकृति मिली है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के चेयर प्रोफेसर की जिम्मेदारी निभा रहे अंकित गुप्ता का मानना है कि केवल तकनीक ही ट्रैफिक को समझने और मार्गदर्शित करने में मदद कर सकती है. स्मार्ट सिटी ट्रैफिक सिस्टम आपस में जुड़े मॉड्यूल का एक परिष्कृत नेटवर्क है जिसे वास्तविक समय में ट्रैफिक आंकड़े एकत्र करने, उसका विश्लेषण करने और उसका प्रसार करने के लिए लाया गया है.

ट्रैफिक के समग्र प्रवाह को बेहतर बनाने में भी है मददगार

अंकित गुप्ता के अनुसार यह प्रणाली सटीक, वास्तविक समय की ट्रैफिक जानकारी प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई है. जो भीड़भाड़ को कम करने और शहर में ट्रैफिक के समग्र प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करती है. उन्होंने बताया कि विभिन्न मार्गों पर वाहनों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का उपयोग करके डेटा को प्राप्त करने का काम किया जाता है.

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