जापान में होने वाले दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन ओलम्पिक पर लगा कोरोना का ग्रहण हट नहीं रहा है. कोरोना के बढ़ते केसेज को देखते हुए पहले ही आयोजन की डेट आगे बढ़ायी जा चुकी है. इसके बावजूद हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं. विदेशी दर्शकों को प्रतिबंधित किया जा चुका है. वहीं इमरजेंसी को बढ़ा दिया गया है. फिर भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो स्थानीय दर्शक भी आयोजन में शामिल नहीं हो सकेंगे.
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31 मई को खत्म होना था आपातकाल
जापान में कोरोना संक्रमण अभी तक उस स्तर तक धीमा नहीं हो रहा है कि 50 दिन के अंदर ओलंपिक खेलों की सुरक्षित मेजबानी की जा सके. स्थित में सुधार के लिए टोक्यो समेत 9 क्षेत्रों में लगाए आपातकाल को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है. ओकिनावा में पहले से ही 20 जून तक आपात स्थिति जारी हैं. आपात स्थिति को बढ़ाने की जरूरत इसलिए थी क्योंकि संक्रमितों की संख्या कम नहीं हो पा रही है. जापान की राजधानी टोक्यो और आठ अन्य शहरों में मौजूदा आपात स्थिति 31 मई तक खत्म होनी थी.
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ओलम्पिक आयोजन समिति करेगी फैसला
जापान में जनता के विरोध के बाद भी आयोजकों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा है कि वे पिछले साल स्थगित हुए इन खेलों को इस साल तय कार्यक्रम के मुताबिक कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हालात को देखते हुए ओलंपिक आयोजकों को फैसला करना होगा कि वे किसी भी दर्शक को स्टेडियम में आने की अनुमति देंगे या नहीं. विदेशी दर्शकों को महीनों पहले प्रतिबंधित कर दिया गया था. वहीं जापान के एथलीटों के टीकाकरण की प्राथमिकता में भी देरी हो रही है. टोक्यो ओलंपिक के शुरू होने में दो महीने से भी कम का समय बचा है और आयोजन समिति की अध्यक्ष सेइको हाशिमोतो ने शुक्रवार को संकेत दिया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इन खेलों में स्थानीय प्रशंसकों को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है. उनका कहना है कि प्रशंसको के मामले पर हम जल्दी फैसला लेंगे, लेकिन यह फैसला आपातकाल के हटने के बाद लिया जाएगा. कोई भी फैसला लेने से पहले स्थानीय चिकित्सा सेवा पर पड़ने वाले असर के बारे में सोचना होगा.
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