14 फ्लॉप फिल्मों देने के बाद भी कैसे राजीव भाटिया बने मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार, इस वजह से छोड़ने वाले थे भारत…
हालही में अपना 56वां जन्मदिन माना चुके बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार फिल्म ओएमजी 2 में नजर आए थे। अक्षय कुमार को बॉलीवुड के सफल अभिनेताओं में गिना जाता रहा है, उन्होने ने बैक टू बैक हिट फिल्म देने के साथ ही देश से लेकर विदेश तक ख्याति कमाई है, इसके साथ ही अक्षय कुमार अपनी प्रोफेशल लाइफ के अलावा भी कई बार पर्सनल लाइफ को लेकर अक्सर सुर्खियों रहते है। लेकिन क्या आपको मालूम है हिट फिल्म और अभिनय लोगो के दिल में जगह बनाने वाले खिलाड़ी कुमार भारत छोडने वाले थे, आखिर कौन सी वजह थी जिसने अक्षय को रोक लिया ? क्या सच अक्षय कुमार है राजीव भाटिया ? इन सभी सवालों के जवाब देंगे इस खबर में…
क्यों लेना पड़ा भारत छोड़ने का फैसला
आज के समय में 50 से 100 करोंड़ तक फीस लेने वाले मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार के कैरियर में एक दौर यह भी आया था, जब वे भारत छोडने वाले थे । लेकिन आखिर ये फैसला लेना क्यों पड़ा था। इस सवाल का जवाब देते हुए एक इंटरव्यू के दौरान अक्षय कुमार ने बताया कि, 14 फिल्मों की नाकामयाबी के बाद मैंने सोचा कि मुझे कुछ और आजमाना पड़ सकता है। कनाडा में रहने वाले मेरे एक करीबी दोस्त ने मुझे वहां आने के लिए कहा था, उसने कहा कि हम मिलकर कुछ काम करेंगे। वो भी भारतीय है और वहीं रहता है। ऐसे में मैंने वहां का पासपोर्ट ले लिया क्योंकि मुझे लगा था कि यहां मेरा करियर खत्म हो गया है, लेकिन तभी मेरी 15वीं फिल्म हिट हो गई और उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैं आगे बढ़ता रहा, लेकिन मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मुझे अपना पासपोर्ट बदल लेना चाहिए।’
इस वजह से अक्षय कुमार के पास कनाडा की नागरिकता थी। जिसकी वजह से वे अक्सर वे ट्रोलर्स के निशाने पर भी रहते आए है, हालांकि, हालही में स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर सभी के साथ ये खबर शेयर की थी कि अब वो भारत के नागरिक हैं। जिसके साथ ही अब अक्की भारत के नागरिक हो गए है।
मार्शल आर्टस ट्रेनर से कैसे बने अभिनेता
क्या आपको मालूम है कि, अक्षय कुमार का नाम अक्षय असली नहीं बल्कि उनका असली नाम राजीव भाटिया है। अभिनेता बताते है कि, अभिनेता बनने से पहले वे मार्शल आर्ट्स का बच्चों को प्रशिक्षण दिया करते थे। उन्होने मार्शल आर्टस की शिक्षा बेंगकोक में ली थी, इस दौरान वे वहां एक रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे। उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था, उसने उन्हें मॉडलिंग करने की सलाह दी ।
उस विद्यार्थी ने उन्हें एक छोटी कंपनी में एक मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते था। पहले की तनख्वाह 4,000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया।
खिलाड़ियों का खिलाड़ी साल 1996 में रिलीज हुई, यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म थी। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रेखा के साथ इस फिल्म में अक्षय कुमार अंडरटेकर के किरदार से मुकाबला कर दुनियाभर में एक ‘खिलाड़ी’ के रूप में जाने गए थे। जो अपने भाई को खोजते हुए महिला गैंगस्टर का किरदार प्ले कर रही रेखा के गिरोह में शामिल हो जाते हैं। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने काफी अच्छी कमाई की थी।
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ऐसे बना राजीव भाटिया – अक्षय कुमार?
अक्षय कुमार का नाम पहले राजीव हरिओम भाटिया था. वे जब मुंबई आए तो उन्होंने यहां मार्शल आर्ट टीचर की जॉब की थी. इसके बाद वह मॉडलिंग में भी बिजी रहे. फिर अचानक किस्मत पलटी और डायरेक्टर महेश भट्ट को अपनी एक फिल्म ‘आज’ के सीन के लिए एक कराटे ट्रेनर की जरूरत पड़ गई. ये रोल सिर्फ कुछ सेकंड का था. भाटिया को फिल्मों में आने की ख्वाहिश थी इसलिए उन्होंने इस रोल के लिए हामी भर दी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई, लेकिन इसने राजीव भाटिया की पूरी लाइफ बदलकर रख दी. ‘आज’ की शूटिंग के दौरान ही उन्होंने अपना नाम बदलकर अक्षय कुमार रखने का फैसला किया था.
अक्षय कुमार नाम रखने का कुमार गौरव से है कनेक्शन
एक थ्रोबैक इंटरव्यू में अक्षय कुमार ने खुलासा किया था कि फिल्म में उनका 4.5 सेकेंड का रोल था. वह कुमार गौरव की एक्टिंग देखते थे, जिनका नाम फिल्म में अक्षय था. अक्षय कुमार को यह नाम इतना पसंद आया कि एक दिन उन्होंने कोर्ट जाकर अपना नाम बदल लिया. उन्होंने कहा, “और मैं बस जाकर अपना नाम बदलना चाहता था और मैं बांद्रा पूर्व की अदालत में गया और ऐसा किया। मेरे पास सबूत के तौर पर पूरा सर्टिफिकेट है.”