हिजबुल चीफ सलाहुद्दीन पर हमला, आईएसआई ने कराया?

आईएसआई की खुले तौर पर आलोचना पड़ी भारी

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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के साथ ही भारत में हुए कई आंतकी हमलों के जिम्मेदार आतंकी संगठन Hizbul Mujahideen Chief सैयद सलाहुद्दीन पर 25 मई को इस्लामाबाद में अज्ञात हमलावरों ने कथित तौर पर हमला कर दिया। यह जानकारी सूत्रों ने दी।

सब कुछ ठीक नहीं चल रहा

बताया जा रहा है कि इन दिनों सलाहुद्दीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और इस हमले की योजना आईएसआई द्वारा ही बनाई गई है।

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका इलाज चल रहा है। सलाहुद्दीन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल नामक पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों के गठबंधन का प्रमुख भी है।

सलाहुद्दीन को अमेरिकी विदेश विभाग ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है।

हिजबुल परिसर के पास निशाना बनाया

खुफिया एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “Hizbul Mujahideen Chief को इस्लामाबाद में 25 मई को हिजबुल मुजाहिदीन परिसर के पास निशाना बनाया गया।”

अधिकारी ने बताया कि कथित रूप से हमले की योजना आईएसआई द्वारा बनाई गई। उन्होंने बताया कि यह हमला Hizbul Mujahideen Chief सलाहुद्दीन को मारने के लिए नहींं, बल्कि उसे और उसके आतंकी संगठन के सदस्यों को एक संदेश देने के लिए किया गया है।

370 के निरस्त होने के बाद से फासला

Hizbul Mujahideen Chief सलाहुद्दीन और उसके आईएसआई हैंडलर के बीच पिछले साल अगस्त में जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से फासला होना शुरू हो गया था।

खुफिया सूत्रों ने कहा कि सलाहुद्दीन या उसके संगठन को भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के कदम के बारे में कोई एहसास ही नहीं था। इसके बाद से ही आईएसआई ने धीरे-धीरे हिजबुल मुजाहिदीन से अपना समर्थन वापस लेना शुरू कर दिया था।

आईएसआई के निर्देश का पालन नहीं

सूत्रों ने कहा कि आईएसआई ने Hizbul Mujahideen Chief को भारत सरकार के कदम के खिलाफ घाटी में बड़े पैमाने पर हमले का निर्देश दिए थे, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहा, जिससे आईएसआई नाराज हो गई।

सूत्रों ने कहा कि जब आईएसआई ने उसे अपना समर्थन वापस लेने का संदेश देना शुरू किया, तो Hizbul Mujahideen Chief ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के नेता राजा फारूक हैदर और अन्य से संपर्क किया।

गोला—बारुद देना किया बंद

सूत्रों ने कहा कि उसने आईएसआई से घाटी में हमले करने का वादा किया था। इस बीच आईएसआई ने हिजबुल कैडर को पर्याप्त प्रशिक्षण, हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराना बंद कर दिया।

कश्मीर में हिजबुल को मिलने वाले समर्थन में कमी से वह कमजोर हो गया था। इसके अलावा इस महीने की शुरूआत में कश्मीर में हुई मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू के खात्मे के बाद तो सलाहुद्दीन बैकफुट पर चला गया। सूत्रों का कहना है कि उसने पीओके में हिजबुल कैडर के साथ बातचीत के दौरान आईएसआई की खुले तौर पर आलोचना की थी।

नाइकू का मारा जाना बना काल

नाइकू के मारे जाने के बाद सलाहुद्दीन ने कहा था कि कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों की स्थिति मजबूत है। ऐसा कहते हुए उसका एक वीडियो सामने आया था।

सलाहुद्दीन को नायकू की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए रावलपिंडी में आयोजित एक सभा में यह कहते हुए सुना गया कि पांच सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद भी भारतीय सुरक्षा बल की स्थिति मजबूत बनी हुई है।

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