देश में सर्वाइकल कैंसर की दर सबसे ज्‍यादा

देश में सर्वाइकल कैंसर की दर सबसे ज्‍यादा इनरव्हील क्लब वाराणसी सेंट्रल द्वारा कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

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Varanasi: जनवरी माह को सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस माह के रूप में मनाया जा रहा है. इसके तहत इनरव्हील क्लब वाराणसी सेंट्रल द्वारा टंडन नर्सिंग होम, बड़ी पियरी में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जरूरी टिप्‍स दिये गये.

एचपीवी टीका इस मौके पर डॉ शालिनी टंडन (स्त्री रोग विशेषज्ञ) ने कहा कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद होने वाला सेकंड मोस्ट कॉमन कैंसर है. हमारे देश में सर्वाइकल कैंसर की दर बहुत ज्यादा है और इसकी वजह से औरतों की मृत्यु दर बहुत ज्यादा होती है. सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को नियमित पैप परीक्षण कराना चाहिए. पैप टेस्ट को पैप स्मीयर टेस्ट भी कहा जाता है, जो प्रीकैंसर की तलाश करता है. इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा पर उन सेल परिवर्तन को भी तलाशता है, जिनका अगर समय पर सही इलाज न किया गया तो वे सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकता है. 21 साल की उम्र पार कर लेने के बाद महिलाओं को हर तीन साल में कम से कम एक बार एवं 30 वर्ष की उम्र हो जाती है.

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तो हर पांच साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए. उन्होने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आने से बचने के लिए युवतियों को समय पर पेपिलोमावायरस (एचपीवी) टीका लगवा लेना चाहिए. इससे सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को काफी कम कर किया जा सकता है. इस टीके को लगाने का समय 9 वर्ष की आयु से ही शुरू हो जाता है. हालांकि 11 से 12 वर्ष की आयु की बालिकाओं को भी एचपीवी टीकाकरण की सलाह दी जाती है.

ये थे शामिल…

इससे पूर्व कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ सचिव सुमित्रा सिंह द्वारा अध्यक्ष नीलम गुप्ता को कालर पहनाकर एवं इनरव्हील प्रार्थना से हुआ. जिसके बाद अध्यक्ष नीलम गुप्ता ने डा शालिनी टंडन को अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ भेंटकर अभिनन्दन किया.

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