प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने खुद की सैलरी से बदल दी स्कूल की तस्वीर

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उत्तर प्रदेश में अगर किसी स्कूल में वाई-फाई जोन और स्मार्ट क्लासेस अगर हो तो उसे आप यही कहेंगे कि ये कोई प्राइवेट स्कूल है क्योंकि ये सारी सुविधाएं आजकल सिर्फ एक प्राइवेट स्कूल में ही संभव हो सकती हैं। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप सौ प्रतिशत गलत सोच रहे हैं क्योंकि हम जिसकी बात कर रहे हैं वो कोई प्राइवेट स्कूल नहीं बल्कि गोंडा जिले का एक प्राइमरी स्कूल है जो तमाम सरकारी स्कूलों के लिए मिसाल बना हुआ है और इन स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों के लिए गोंडा के इस प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक से सीख लेनी चाहिए।

गोंडा के बेलसर का स्कूल

गोंडा जिले के  शिक्षा क्षेत्र बेलसर के प्राथमिक विद्यालय सिधौटी की। जनवरी 2015 में यहां प्रमोशन पर आए प्रधानाध्यापक बृजश्याम सिंह ने खुद के वेतन से विद्यालय को संवारा है। 60 बच्चों के स्कूल में अब 118 छात्र पंजीकृत हैं, जो कॉन्वेंट की तर्ज पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। प्रार्थना सभा में योग व व्यायाम के साथ प्रत्येक दिन विद्यालय में शिक्षण कार्य होता है।

स्मार्ट क्लासेज की तरफ से चलती हैं कक्षाएं

पहली कक्षा में देश-विदेश में घट रही घटनाओं के साथ नैतिक शिक्षा की जानकारी दी जाती है। शिक्षा प्रणाली को आसान बनाने के लिए सहायक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। विद्यालय में पढ़ने वाले गरीबों के नौनिहाल प्राथमिक स्तर पर ही अंग्रेजी का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।

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इसी गांव के हैं प्रधानाध्यापक

प्रधानाचार्य बृजश्याम कहते हैं कि वह इसी गांव के हैं। इसी विद्यालय में पढ़ाई की है। स्कूल की स्थिति गड़बड़ हो गई थी। इससे सामान्य परिवार के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई करने जाने लगे, लेकिन समस्या गरीब परिवारों को थी, इसलिए गांव में ही खुले कान्वेंट की तर्ज पर इसे विकसित किया।

खुद के पैसे से किया ये सब

वह कहते हैं कि यह सब करने में ढाई लाख रुपये खर्च हुए लेकिन बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। विद्यालय में तैनात अध्यापक प्रदीप कुमार, प्रभात तिवारी, शिक्षामित्र हंसराज और सुमन सिंह ने बच्चों के सहयोग से परिसर को सुंदर फूलों और वृक्षों से भर दिया है।विद्यालय की व्यवस्था अच्छी है। शिक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। दूसरे अध्यापकों को इससे सीख लेनी चाहिए।

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