HDFC के डायरेक्टर ने चखा ‘बाटी चोखा’ का स्वाद

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खान पान की पारम्परिक परम्परा को सहेज कर आप तक पहुंचाने में सबसे आगे है “बाटी चोखा रेस्टोरेंट”, जिसमें है…“टेस्ट ऑफ बनारस”। आज के इस मॉडर्न समाज में भी लोगों को बाटीचोखा रेस्टोरेंट अपनी ओर आकर्षित करने में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहीं वजह है कि पारम्परिक संस्कृतियों और कलाकृतियों को सहेज कर रखने वाले बाटीचोखा रेस्टोरेंट में आज एचडीएफसी बैंक के एमडी खाना खाने पहुंच गए। जहां उन्होंने एक ओर अपनी पेट-पूजा की, वहीं दूसरी ओर गांव की सोंधी मिट्टी की खुश्बू को महसूस किया और खुद को एक स्वच्छ वातावरण में पाकर काफी खुशी की अनुभूति की।

पारम्परिक कलाकृतियों से भरपूर बाटीचोखा रेस्टोरेंट

बनारस की पारम्परिक कलाकृतियों से भरपूर बाटीचोखा रेस्टोरेंट पिछले पंद्राह सालों से पूर्वान्चल के घरों के चूल्हे का स्वाद और गांव के परम्परागत तरीके से तैयार करने वाले लजीज भोजन ने देखते-देखते ही हर किसी के जुबां पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है।

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खूबसूरत चौखठ से सबका स्वागत

बाटीचोखा रेस्टोरेंट का मिटटी से बना द्वार और उस पर बने हुए बनारस की पारम्परिक कलाकृतियों का नमूना नज़र आने लगता है। उसके आगे गाँव के पुराने घरों की संस्कृति और परम्परा को सहेज कर रखने वाली लकड़ी के नक्कासी का खूबसूरत चौखठ आप सबका स्वागत करता है।

मिट्टी की खुश्बू से स्वाद दोगुना

इस रेस्टोरेंट में लकड़ी का पुराना बक्सा, प्राचीन कलाकृतियों को सहेजे मिटटी का घड़ा और चक्की पर चना पीसती महिला आज के आधुनिक चकाचौंध के बीच सुकून भरा एहसास दिलाती है। इसके साथ-साथ रेस्टोरेंट में कुँवें की जगत, छोटा-सा मन्दिर, लालटेन की रोशनी, बादाम का पत्तल, मिटटी का कसोरा और मिटटी की दीवार की खुशबू खाने के स्वाद को दुगना कर देती है।

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