क्या बनारस में ‘पीक’ पर पहुंचने लगा है कोरोना ? 6 दिन में दस मौत से सहमे लोग

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में क्या कोरोना ‘पीक’ पर पहुंचने लगा है। ये बात इसलिए उठी है क्योंकि जिस रफ्तार से पिछले एक हफ्ते में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ी है, उससे लोगों की नींद उड़ा दी है। हर किसी की नजर इस बात पर लगी है कि कोरोना की रफ्तार कब थमेगी ? वाराणसी में कोरोना संक्रमण का आलम ये है कि हर रोज औसतन एक मौत हो रही है। पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमित दस लोगों की मौत से लोग दहशत में है। कई मौतें ऐसी हैं जो प्रशासन की लिस्ट में नहीं आ सकी हैं। इसे लेकर प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस भी जारी की गई है।

रिकवरी रेट में भी आई कमी

कोरोना वायरस अब शहर में तेजी से पांव पसार रहा है। औसतन सौ से अधिक मरीज प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। जुलाई महीने में संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। जिस तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है उस अनुपात में रिकवरी रेट में कमी देखने को मिल रही है। जून के महीने में जहां रिकवरी रेट 60 फीसदी के आसपास था वहीं जुलाई के अंत तक ये पचास फीसदी के आसपास पहुंच चुका है। 28 जुलाई तक 2268 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 921 मरीज स्वस्थ्य होकर वापस घर जा चुके हैं।

रफ्तार पकड़ने लगा है मौत का आंकड़ा

एक तरफ रिकवरी रेट में कमी आ रही है तो दूसरी ओर मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। 28 जुलाई की सुबह तक प्राप्त रिपोर्ट पर गौर करें तो अब तक 44 लोग काल के गाल में समा चुके हैं। मरने वालों में दस लोगों ने सिर्फ छह दिनों के अंदर दम तोड़ा। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो

– 22 जुलाई को 97 मरीज समाने आए वहीं 2 मरीज की मौत हुई..
– 23 जुलाई को 67 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए तो वहीं 2 लोग की मौत हुई
– 24 जुलाई को 179 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हालांकि किसी की मौत नहीं हुई
– 25 जुलाई को कोरोना के 102 केस सामने आए वहीं एक पेशेंट की मौत हुई
– 26 जुलाई को 161 मरीज सामने आए वहीं 3 लोगों ने दम तोड़ दिया
– 27 जुलाई को 146 कोरोना संक्रमित अस्पताल में भर्ती हुए तो 2 लोगों की मौत हो गई.

वाराणसी में कोरोना संक्रमितों में जिनका इम्यूनिटी लेवल ठीक है वे तो स्वस्थ हो रहे हैं पर जिन लोगों की उम्र अधिक है और गंभीर रोग से पीड़ित हैं, उनके लिए मुश्किल हो रही है। बनारस में 44 लोगों की मौत हो चुकी है। 15 मार्च से 30 जून तक कोरोना से 18 लोगों की मौत हुई थी। यानी साढ़े तीन महीने में औसतन हर छठे दिन कोरोना से एक संक्रमित मरीज की मौत हो रही थी। जुलाई में 26 दिन में 26 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। यानी करीब साठ फीसदी मौत सिर्फ जुलाई महीने में हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने अब मरीजों की जल्द पहचान करने के लिए एंटीजेन किट से जांच शुरू कर दी है। समय पर जांच होने के बाद उनकी रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आती है तो तत्काल उनका इलाज शुरू हो जाता है।

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