Gyanvapi Survey: ASI की ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को सौंपने का आदेश

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Gyanvapi Survey:  जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर की सीलबंद भारतीय पुरातत्व‍ सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट को लेकर फैसला सुनाया. उन्होंने सर्वें रिपोर्ट केस के दोनों पक्षों को सौंपने का आदेश दिया है. एएसआई पहले ही रिपोर्ट को न्यादयालय में दाखिल कर चुकी है. सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो या न हो, इस पर बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें रिपोर्ट की हार्ड कापी सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया.

नकल के लिए लगेगी अर्जी

मंदिर पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और सहमति बनी कि ASI की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को सौंपी जाएगी. वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ई-मेल के माध्यम से रिपोर्ट देने पर आपत्ति जतायी, इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमति जतायी. इस संबंध में नकल के लिए पक्षकार कोर्ट में अर्जी लगायेंगे.

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वादी पक्ष ने की थी मांग

मां श्रृंगार गौरी केस की वादी महिलाओं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की तरफ से सर्वे रिपोर्ट की प्रति दिए जाने का निवेदन अदालत से किया गया था. मामले की वादी महिलाओं का कहना था कि यह जनहित का मसला है. इसे गोपनीय रखकर हौव्वाा खडा किया जा रहा है. हिंदू पक्ष की ही एक अन्य वादिनी राखी सिंह का कहना था कि अदालत में दाखिल रिपोर्ट के अध्ययन का अधिकार वादी पक्ष को है.

वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के लोगों ने कहा कि यदि सर्वे रिपोर्ट वादी महिलाओं को दी जाती है तो उन्हें भी उपलब्ध कराई जाये. उधर, एएसआई का कहना है कि जब तक प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट की प्रति वह दाखिल न कर दे, तब तक उसे सार्वजनिक न किया जाये.

 

 

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