अकेले दम पर उठाया गंगा की सफाई का जिम्मा, पेश की मिसाल
वाराणसी के गुरुदास नारायण गोस्वामी सही मायने में है गंगा सेवक। गंगा और आदि गंगा कही जाने वाली गोमती के संगम तट पर माकर्ंडेय महादेव धाम की नगरी है कैथी ग्राम। ग्राम निवासी 65 वर्षीय गुरुदास नारायण गोस्वामी सच्चे अथोर्ं में गंगा सेवक हैं। इन्होंने 25 वर्ष पहले एक दिन ऐसे ही गंगा स्नान करते समय कैथी स्थित रजवा घाट पर फैली गंदगी को साफ करने की शुरुआत की थी जो अब एक मिशन बन गई है।
किसी भी परिस्थिति में यह क्रम आज तक नहीं टूटा
चौबेपुर के इस गांव के रहने वाले गोस्वामी जी की दिनचर्या ही घाट की सफाई से प्रारंभ होती है और पूरी तरह पॉलीथिन, दातून, शैंपू-साबुन के रैपर आदि हटा कर और घाट की सफाई करने के बाद ही गंगा स्नान और पूजन करते हैं। वहीं संध्या समय विधि-विधान से गंगा आरती करते हैं, किसी भी परिस्थिति में यह क्रम आज तक नहीं टूटा। अगर किसी कारण किसी दिन ये घाट पर नही जा सके तो उनके स्थान पर उनकी पुत्री या पुत्रों में से कोई इस जिम्मेदारी का निर्वहन करता है।
Also Read : टला नहीं खतरा, आज भी दो से तीन बार आ सकती है आंधी, दिल्ली-NCR में अलर्ट
गुरुदास जी बताते हैं कि इस घाट पर प्राय: शवदाह भी किया जाता है तो बड़ी मात्र में कफन, पूजन सामग्री अस्थि अवशेष भी जमा हो जाता है जिसे हटाने में कठिनाई आती है, शेष दैनिक उपयोग के कचरे को हटाना अपेक्षाकृत आसान होता है। बीच-बीच में गांव के युवकों के साथ कैथी के अन्य घाटों और संगम तट पर भी स्वच्छता अभियान चलाने वाले गुरुदास गोस्वामी का मानना है कि मां गंगा की स्वच्छता केवल सरकारी प्रयासों से नही हो पाएगी, इसके लिए गंगातट वासियों को ही संकल्पित होना पड़ेगा।
गंगा में किसी भी प्रकार का प्रदूषण न हो, इसके लिए अपने हिस्से की गंगा को संवारने का जिम्मा उठाने की जरूरत है। सरकार से उनकी अपेक्षा है कि गंगा को बांधो से मुक्त करके सदानीरा बनाया जाए, ताकि अविरलता से निर्मलता भी बनी रहे। गुरुदास गोस्वामी के सतत कार्यों से प्रभावित होकर जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने उन्हें राजस्थान जल विश्वविद्यालय में संबोधन के लिए बुलाया था।
लगातार अपने मिशन में लगे हुए हैं
कुछ माह पहले ही सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा उन्हें गंगा सेवक सम्मान से भी नवाजा गया है। किसी भी प्रकार के ताम-झाम और दिखावे से दूर रहने वाले गुरुदास एकला चलो के सिद्धांत पर चलते हुए लगातार अपने मिशन में लगे हुए हैं। उनका विश्वास है कि जिस दिन गंगा तट वासी जागृत हो जाएंगे, गंगा का पुनरुद्धार निश्चित रूप से हो जाएगा। वे कहते हैं, जब तक जीवन रहेगा, मां गंगा की सेवा का यह क्रम जारी रहेगा।
दैनिक जागरण
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)