यूके जाकर मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर, अब नहीं देना होगा ये एग्जाम
शिक्षारत रहने के दौरान सभी छात्र अपने भविष्य को लेकर तरह तरह के सपने देखते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत भी करते हैं। ऐसे में मेडिकल कि दिशा में अपना करियर बनाने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है।
मेडिकल छात्रों के लिए अच्छी खबर
मेडिकल की दिशा में करियर बनाने वाले छात्रों के मन में देश से बाहर भी जाकर प्रैक्टिस करने की इच्छा जागृत होती है , जिससे वह वहां की व्यवस्था को अपने देश में भी उपलब्ध करा सकें। ऐसे छात्रों के लिए यूके की ओर से एक अच्छी खबर है।
यूके में मेडिकल प्रैक्टिस करने के इच्छुक भारतीय डॉक्टरों, नर्सों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। उन्हें अब अंग्रेजी भाषा की दक्षता की जांच करने वाले ‘टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज’ (टॉफेल) और इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइलेट्स) टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी।
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तभी जारी होगा वीजा
हालांकि उन्हें एक अन्य एग्जाम देना होगा। उन्हें अब ऑक्यूपेशनल इंग्लिश टेस्ट यानी ओईटी में शामिल होना होगा। यूके जाकर वहां के मरीजों का इलाज क रने के इच्छुक डॉक्टरों, नर्सों, डेंटिस्टों और मिड-वाइफों को संबंधित हेल्थकेयर रेग्युलेटर के पास पंजीकरण के लिए अब इस ओईटी में मिले अंकों को देखा जाएगा।
यूके में दो हेल्थकेयर बोर्ड हैं। एक है जनरल मेडिकल काउंसिल और दूसरा नर्सिंग एडं मिडवाइफारी काउंसिल। इनमें पंजीकरण कराने के लिए कंडीडेट को ओईटी परीक्षा देनी होगी इसके बाद ही उन्हें वीजा जारी हो सकेगा।
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