गिरिराज सिंह बोले, शाहीन बाग में सुसाइड बॉम्बर का जत्था तैयार किया जा रहा
दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आज शाम को प्रचार खत्म हो रहा है पर शाहीन बाग जैसे पूरे चुनाव पर छाया हुआ है।
सांसद गिरिराज सिंह ने एक नया वीडियो जारी किया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता शाहीन बाग का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं और इसको लेकर उनके बिगड़े बोल भी सामने आते रहे हैं। गुरुवार को बीजेपी सांसद और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि यह शाहीन बाग़ अब सिर्फ आंदोलन नही रह गया है यहां सुसाइड बॉम्बर का जत्था बनाया जा रहा है। देश की राजधानी में देश के खिलाफ साजिश हो रही है।
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या भी उठा चुके मामला
आपको बता दें कि बुधवार को लोकसभा में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग में आज जो कुछ हो रहा है, वह इस बात की याद दिलाता है कि यदि इस देश के बहुसंख्यक समुदाय सतर्क नहीं रहा और देशभक्त भारतीय इस पर खरा नहीं उतरते हैं तो मुगल राज के दिन दिल्ली में दूर नहीं है।
शिवराज सिंह चौहान भी कूदे
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को एक रैली में कहा था कि अरविंद केजरीवाल कह रहे है कि सरकार शाहीन बाग वालो को उठा क्यों नहीं रही। केजरीवाल बिठाओ तुम, बिरयानी तुम खिलाओ, पालो पोसो तुम और उठाएं हम। अब पता चल रहा है कि दाव उल्टा पड़ रहा है तो हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं। दिल्ली वालों ‘आप’ के भूतों से सावधान रहना है। आप के भूत पिशाच दिल्ली में कब आग लगा दे पता नहीं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धार्मिक आधार पर पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आने वाले हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन भाई-बहनों को भारत की नागरिकता दी जायेगी। सीएए का विरोध करने वालों, कान खोलकर सुन लो कि नागरिकता कानून तो लागू होकर रहेगा। हम लोग नारा लगाते थे कि राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे तो कांग्रेस वाले मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि लेकिन तारीख नहीं बतायेंगे। कांग्रेस वालों सुन लो कि अप्रैल महीने से राम मंदिर के निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो जायेगा।
सुशील कुमार मोदी भी उठा चुके हैं यह मुद्दा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रैली में कहा था कि केंद्र सरकार ने तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक कारणों से प्रताड़ित हिंदू, सिख, ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए संशोधित कानून लागू कर लाखों लोगों को राहत दी है, लेकिन कुछ लोग इसका बेजा विरोध करके माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को डराने का कार्य कर रहे हैं, जबकि यह कानून महात्मा गांधी और नेहरू जैसे नेताओं की इच्छा के अनुकूल हुई है व इस ऐतिहासिक पहल का स्वागत करना चाहिए।