यूके के प्रधानमंत्री की पत्नी अक्षता मूर्ति को बनारसी ‘स्टोल’ का तोहफा
कदम के लकड़ी से बने डिब्बे में पीएम ने गिफ्ट किया बनारसी ‘स्टोल’
वाराणसी । यूं ही नहीं कहा जाता कि काशी पीएम मोदी के दिल में बसती है पीएम मोदी काशी के बुनकरों की कला को विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाने का काम कर रहे हैं। मौका जी 20 सम्मेलन के माध्यम से दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंचे हुए थे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी अपनी पत्नी अक्षता के साथ जी 20 समिट में शामिल हुए थे। प्राचीन वैदिक परंपरा है कि हमारे यहां जब भी कोई मेहमान आया है तो विदाई के समय उसे उपहार भी दिया जाता है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए पीएम मोदी ने दिल में बसने वाली काशी की हस्तशिल्प कला के नायाब नमूने बनारसी रेशमी ‘स्टोल’ को कदम (बर्फ़्लावर पेड़)) की लकड़ी के नक्काशीदार बॉक्स में भेंट किया।कदम की लकड़ी के नक्काशीदार बॉक्स खासतौर पर कर्नाटक से बनवाया गया था। सनातन संस्कृति में कदम का पेड़ पवित्र माना जाता है ।द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल में कदम के पेड़ पर अपनी लीलाएं भी रची थी।
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बनारसी रेशमी ‘स्टोल’ की साड़ी पीएम ने किया गिफ्ट
काशी के रेशम के स्टोल एक राजसी ठाट का एहसास कराता है दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के प्रधानमंत्री की पत्नी को अगर कोई गिफ्ट भी दिया जाए तो गिफ्ट ऐसा हो कि पूरी दुनिया उसकी सुंदरता को निहारती रहे और हर कोई पूछे कि यह कहां का बना है? पीएम मोदी के दिल में बसने वाली काशी के बुनकरी के कारीगरों की कला की बात करें तो हाथ के ताने बाने से रेशम के धागे पर नायाब नमूने बनाते हैं। जी 20 में देशों के संस्कृतियों का भी आदान प्रदान होता है ऐसा ही कुछ किया है पीएम मोदी ने बनारसी रेशमी स्टोल दुनिया के सबसे नायाब तोहफे में से एक होता है।
जानिए बनारसी ‘स्टोल’ के बारे में
बनारसी स्टोल की बात करें तो प्राचीन काल में यह राजघरानों की शान हुआ करती थी। राजे रजवाड़े रेशमी स्टोल को काफी पसंद करते थे। रेशमी स्टोल को हाथ के करघे से बनाते हैं। रेशम के धागे से तैयार होता है स्टोल। रेशम के धागे में सोने की तार बीच बीच में लगाया जाता है। स्टोल की लंदन,फ्रांस, अमेरिका में भारी मांग होती है। काशी के पुराने बुनकरों से इस कला को सीखकर नई पीढ़ी एक नई इबारत लिख रही हैं।स्टोल की साड़ी,दुपट्टा और अंगवस्त्र तैयार किया जाता है। स्टोल वर्क की साड़ी 5 हजार से 50 लाख तक तैयार होती है।
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