फर्रुखाबाद में बारिश से उफान पर गंगा, बढ़े जल स्तर से खतरे में कटरी धर्मपुर गांव

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उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है। इससे कई जिलों में नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। फर्रुखाबाद जिले में बारिश के चलते गंगा नदी का जल स्तर इनता बढ़ गया कि घाट किनारे गांवों में बाढ़ की स्थति बन रही है। उधर गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गंगा के लगातार जलस्तर बढ़ने से क्षेत्रों में हो राह कटान, कटरी धर्मपुर में कटान होने से ग्रामीण की फसलें, हजारों बीघा जमीन बाढ़ के पानी में समा गई है।

डूबने के डर में जी रहा कटरी धर्मपुर

मौजूदा हालत ये हैं कि फर्रुखाबाद जिले का कटरी धर्मपुर गांव कभी भी गंगा में समा सकता है। यहां के लोग दिन रात चिंता में है, कई किसानों की जमीन गंगा में बह गई है। वहीं कब्रिस्तान की सैकड़ों कब्रे गंगा नदी को गोद में समा गयी है। दरअसल, गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे लगातार कटरी धर्मपुर में कटान हो रहा है। इस बढ़ते कटान ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। क्योंकि गंगा नदी में किसानों के हजारों बीघा खेत बह गए हैं। वहीं कब्रिस्तान की सैकड़ों कब्रे गंगा नदी की गोद में समा गयी हैं।

खतरे के संकेत पर भी नहीं जागा प्रशासन

एक तरफ जहां ग्रामीणों में हाहाकार मचा है। वहीं जिला प्रशासन मौन है। लोगों के मुताबिक, ग्रामीणों की मदद के लिए फिलहाल प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है। वहीं लोगों में डर है कि इस लापरवाही से कहीं गंगा नदी कटरी धर्मपुर गांव नक्शे से खत्म न हो जाए। शनिवार को गंगा नदी का जलस्तर 135.70 पर पहुंचा। जोकि अब चेतावनी बिंदु से केवल 90 सेमी दूर रह गया है।

गंगा में समाया कब्रिस्तान

वहीं नदी के उफान में आने से 14 बीघा भूमि पर बना कब्रिस्तान गंगा की लहरों में समा गया। सैकड़ों साल पुराने कटरी धर्मपुर कब्रिस्तान में दफन गामीणों के पुरखों के कंकाल का भी पता नहीं चल रहा। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार यहां बाढ़ आई, लेकिन कब्रिस्तान सुरक्षित रहा। लेकिन इस बार गंगा ने कटान कर कब्रिस्तान को जमीदोज कर दिया है। उनके पुरखों की यादें गंगा में समा गई हैं। वहीं एक हजार बीघा भूमि भी उसमें मिल गई है। वहीं अब गंगा का पानी गांव से केवल 30 मीटर दूर रह गई है। जिसके चलते गांव के लोग बेहद चिंता में हैं।

कभी भी गंगा में समा सकता है गांव

कटरी धर्मपुर गांव के लोगों ने बताया कि करीब एक हजार बीघा खेतिहर जमीन गंगा में समा गई। वहीं कई किसानों से उनकी जमीनें छिन गईं है और आज रोजी रोटी कमाने के लिए उनके पास कोई साधन नहीं है। गांव वालों को चिंता है कि किसी भी समय गंगा की लहरें कटरी धर्मपुर को नष्ट कर सकती है। इसी चिंता में लोग दिन रात जागते हुए काट रहे हैं। गांव वालों को मलाल है कि कोई प्रशासनिक अधिकारी अभी तक उनकी मदद के लिए नहीं आया है।

 

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