कानपुर अपहरण कांड: पैसों के लिए दोस्त ने साथियों संग किया था संजीत को किडनैप, अब उगला राज…

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बॉलीबुड की एक फिल्म का मशहूर गाना तो आपने सुना ही होगा…दोस्त-दोस्त न रहा। इस गाने की ये पंक्ति उत्तर प्रदेश कानपुर जिले में हुए बर्रा अपहरण कांड में बिल्कुल ठीक बैठती है।

जी हां, कानपुर अपहरण कांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि दोस्त ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर लैब टैक्नीशियन का अपहरण किया था, जिनमें एक महिला भी शामिल थीं। दोस्त ने ही साथियों के साथ मिलकर संजीत यादव का अपहरण किया था और अपहरण के 4-5 दिन बाद ही उसकी हत्या कर शव को पांडु नदी में फेंक दिया।

आईजी और एसएसपी ने किया मामले का खुलासा

पांच आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार ने शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड ज्ञानेंद्र यादव है, जिसने पूरी साजिश रची थी, जो संजीत के साथ काम करता था। इस अपहरण कांड में एक महिला भी शामिल थीं।

दोस्त ने ही साथियों के साथ मिलकर किया संजीत का अपहरण

घटना का खुलासा करते हुए कानपुर एसएसपी ने बताया कि दोस्त ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर लैब टैक्नीशियन का अपहरण किया था। अपहरण के 4 या 5 दिन बाद ही उसकी हत्याकर शव को पांडु नदी में फेंक दिया था। आरोपियों ने वारदात के लिए किराये के कमरे का इस्तेमाल किया।

हत्या करने के बाद मांगी गयी फिरौती

एसएसपी ने बताया कि लड़के की हत्या करने के बाद फिरौती की मांग की गई थी। वहीं, शव की तलाश के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई हैं। बर्रा अपहरण मामले में पकड़े गए अपहरणकर्ताओं ने पूरी घटना की जानकारी दी है।

अपहरण के चार दिन बाद ही हत्याकर नदी में फेंका शव

देर रात घटना के मामले में पुलिस ने परिजनों को जानकारी दी कि अपहृत युवक संजीत का उसके साथ काम कर चुके दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण किया और अपहरण के चार दिन बाद ही उसकी हत्याकर शव को पांडु नदी में फेंक दिया। एसएसपी का कहना है कि शव की तलाश की जा रही है।

दोस्तों ने ही रची हत्या की साजिश

पुलिस ने बताया कि संजीत के दोस्तों ने ही हत्या की साजिश रची और इसमें एक महिला भी शामिल थीं। वहीं, शव के नदी में फेंके जाने की खबर मिलते ही घर में मातम पसर गया है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। फिलहाल, अपहरण कर्ता पुलिस की गिरफ्त में है और पुलिस संजीत के शव की तलाश में जुटी हुई है।

आरोपियों ने उगला राज

बता दें कि कानपुर की बर्रा पुलिस थाना में पिछले महीने संजीव यादव के 23 जून को गायब होने के बाद 26 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसके बाद उसके परिवार को 29 जुलाई को फिरौती की कॉल आई थी। मामले में आरोपियों की गिफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने राज उगला कि उन्‍होंने 26-27 जून की रात संजीव यादव का मर्डर कर दिया था और फिर शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।

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बर्रा थाना इंचार्ज रणजीत सिंह सस्पेंड

वहीं इस केस में पुलिस ऑपरेशन फेल होने पर बर्रा थाना इंचार्ज रणजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। परिवार के किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती देने के आरोप में आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, ‘पीड़ित के रिश्तेदारों का दावा है कि किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती दी गई, लेकिन अभी तक की जांच में हमें पता चला है कि आरोपियों को फिरौती की रकम नहीं मिली। हम सारे पहलुओं से केस की जांच कर रहे हैं।’

फिरौती की रकम पर बोले आईजी…

आईजी ने बताया, ‘अभी तक हम परिवार के आरोपों के आधार पर ही केस को देख रहे थे, लेकिन जो पांच आरोपी गिरफ्तार हुए हैं उन्होंने पूछताछ में फिरौती मिलने की बात नहीं स्वीकारी है। परिवार वाले कह रहे हैं कि पैसे दिया गया.. ऐसे में यदि पैसा दिया गया है तो उसकी भी जांच होगी।’

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शव बरामद करने की कोशिश में जुटी पुलिस

पुलिस ने बताया कि संजीत को 22 जून को अगवा किया गया था, जबकि 27 जून को उसकी हत्या कर दी गई थी। संजीत की हत्या करके शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया था। पुलिस शव बरामद करने की कोशिश में जुटी है।

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