इस वजह से महाभारत में Pankaj Dheer से छीन लिया गया था अर्जुन का किरदार

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Pankaj Dheer: महाभारत के कर्ण के नाम से मशहूर अनुभवी अभिनेता ने साल 1988 में आई बीआर चोपडा की महाभारत में कर्ण का किरदार निभाया था, जिसकी वजह से वे काफी मशहूर भी हुए. आज भी कितने ही लोग पंकज धीर को कर्ण के नाम से ही जानते है. लेकिन हाल ही में पंकज धीर ने एक शो में महाभारत से जुडा एक किस्सा साझा करते हुए बड़ा खुलासा किया. जिसमें उन्होने बताया है कि, किस तरह से उनसे एक छोटी सी वजह से अर्जुन का किरदार छीन लिया गया था और किस वजह से बीआर चोपड़ा ने अपने ऑफिस बाहर निकाल दिया था. तो आइए जानते है पर्दे के पीछे का ये दिलचस्प किस्सा …

मूंछ कटवाने के इंकार पर शो से किया था बाहर – Pankaj Dheer

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कर्ण यानी पंकज धीर ने बताया कि, महाभारत की शूटिंग के दौरान बीआर चोपड़ा ने उन्हें शो से बस इस वजह के लिए बाहर कर दिया था, क्योकि वे मूंछे कटवाने को राजी नहीं थे. पंकज धीर ने बताया कि, पंकज धीर अर्जुन के किरदार के लिए पंकज धीर बीआर चोपड़ा की पहली पसंद थे. लेकिन इस किरदार के लिए मूंछे कटवाना जरूरी था. ऐसे में जब पंकज ने मूंछे कटवाने से मना कर दिया तो बीआर चोपड़ा ने उन्हें शो से ही बाहर कर दिया.

मूंछो की वजह से किरदार को किया था न

उस पूरी घटना को साझा करते हुए पंकज धीर ने कहा कि, “जब मैंने अपना ऑडिशन दिया तो संवाद लेखक राही मासूम रजा, भृंग तुपकरी साहब और पंडित नरेंद्र शर्मा जी के साथ एक पैनल था. उन सभी को लगा कि मैं अर्जुन के किरदार में बिल्कुल फिट बैठूंगा. मैंने इस किरदार के लिए उनसे हाथ मिलाया और मैंने कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए. तभी बीआर चोपड़ा ने मुझे फोन किया और कहा कि चूंकि मुझे बृहन्नला (अर्जुन का किन्नर रूप) का किरदार भी निभाना है और उसके लिए मुझे अपनी मूंछें कटवानी होंगी.”

इसपर अभिनेता ने कहा था कि, ‘नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता।’ मैंने उनसे कहा कि मेरे चेहरे का संतुलन ऐसा है कि अगर मैं अपनी मूंछें भी काट लूंगा तो अच्छा नहीं दिखूंगा’ उन्होंने मुझसे कहा, ‘क्या आप एक अभिनेता हैं? आप मूंछों की वजह से इतना बड़ा रोल छोड़ रहे हैं। मैं यह नहीं समझ सकता।’

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मूंछ के लिए अर्जुन का किरदार छोड़ना मूर्खता – पंकज धीर

 

पंकज ने स्वीकार किया कि मूंछों के लिए अर्जुन की भूमिका छोड़ना ‘मूर्खता’ थी लेकिन नियति ने अभिनेता के लिए कुछ और ही सोच रखा था. उन्होंने आगे कहा, ”यह मेरी बहुत बड़ी बेवकूफी थी, लेकिन उस वक्त मैं सिर्फ इतना ही समझ पाया था.’ चोपड़ा साहब ने मुझसे कहा, ‘इस दरवाजे से बाहर निकल जाओ और वापस मत आना.’ उन्होंने मुझे अपने ऑफिस से बाहर निकाल दिया. मेरा कॉन्ट्रैक्ट फट गया और छह महीने तक मैं इधर-उधर घूमता रहा और डबिंग करता रहा. चोपड़ा सर ने मुझे फिर से बुलाया और इसे ही मैं नियति कहता हूं. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं कर्ण की भूमिका निभा सकता हूं. मैंने उनसे पूछा, ‘सर मुझे अपनी मूंछें नहीं कटवानी हैं ना?’ वह बोले, नहीं. यह नियति थी कि मुझे कर्ण की भूमिका मिली.”

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