पहली बार किसी देश ने लगाया ChatGPT पर बैन, सुरक्षा का दिया हवाला

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैटजीपीटी को इटली की सरकार ने बैन कर दिया है। यह पहली बार है जब ChatGPT को किसी देश में बैन किया गया हो। इससे पहले फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। इटली के डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों का कहना है कि ये चैटबॉट लोगों की निजी जानकारी और प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?

इटली के डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों का कहना है कि AI मॉडल से संबंधित गोपनीयता संबंधी चिंताएं थीं। नियामक ने कहा कि वह “तत्काल प्रभाव से” OpenAI पर प्रतिबंध लगाएगा और उसकी जांच करेगा। इटली की सरकार का कहना है कि ये चैटबॉट लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा कर रहा है जो कि सही नहीं है और नियमों का उलंघन है ।

साथ ही चैटजीपीटी में मिनिमम ऐज वेरिफिकेशन के लिए भी कोई ऑप्शन नहीं है, जो कि नाबालिग को भी सेंसिटिव जानकारी दे सकता है और उनके विकास और जागरुकता में गलत असर डाल सकता है। बता दें कि चैटजीपीटी, यूएस स्टार्ट-अप OpenAI द्वारा बनाया गया था और यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा समर्थित है।
डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों का कहना है कि चैटजीपीटी पहले लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा करता है फिर उसे अपने हिसाब से इस्तेमाल करता है। यह लोगों की प्राइवेसी के साथ खिलवाड है।

लॉन्च होने के बाद से ही उठ रहे हैं सवाल…

चैटजीपीटी को 30 नवंबर 2022 को लॉन्च किया था। लॉन्च होने के बाद लाखों लोग इसका यूज कर चुके हैं। लॉन्चिंग के बाद से इसके यूजर्स की संख्या 20 लाख के पार पहुंच गई है। लॉन्चिंग के बाद से इसके नेगेटिव प्रभाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ChatGPT से कई तरह की गम्भीर गलतियां सामने आई हैं। ChatGPT के गलत और भ्रामक जानकारी देने के पीछे की है कि यह सिर्फ 2021 के डेटा के आधार पर ही जवाब दे रहा है। दूसरी तरफ कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह क्रिएटिविटी के लिए संभावित खतरा है। इस बारे में साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के प्रो. मचादो डायस का कहना है कि क्रिएटिविटी के लिए असाधारण प्रतिभा की आवश्यकता होती है लेकिन एल्गोरिदम की मदद से पैदा की गई चीजों से मनुष्यों में क्रिएटिव होने की प्रवृति कम होगी। ऐसे में अब किसी भी तरह के सवाल के जवाब के लिए बहुत ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ेगा। इससे आने वाले समय में जवाब से ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल होने जा रहा है।

इससे पहले फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने किया था ChatGPT को बैन…

फ्रांस के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक Science Po ने इसी साल जनवरी में चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया। यूनिवर्सिटी ने इसके पीछे, ChatGPT की मदद से ऑनलाइन फ्रॉड में इजाफा हो सकता है और ओरिजिनल कॉन्टेंट की चोरी हो सकती है, को कारण बताया था। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया था कि चैटजीपीटी के इस्तेमाल करने वालों को यूनिवर्सिटी से निकाला भी जा सकता है और यहां तक कि उनकी उच्च शिक्षा पर भी प्रतिबंध लग सकता है।

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