कंपनियां अब अपना दूसरा उपाय तलाशें : अरुण जेटली

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि दूरसंचार नियामक ने इंटरकनेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) पर अपने निर्णय दिए और यह अब सेवा प्रदाताओं पर है कि इसके उपाय तलाशें। जेटली ने केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक के बाद आईयूसी के संबंध में पूछे गए सवाल पर पत्रकारों से कहा, “नियामक ने अपने विचार दे दिए हैं और यह संबंधित कंपनियों पर है कि अपने लिए इसके उपायों का पता लगाएं।

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2020 तक आईसीयू चार्ज चरणबद्ध तरीके खत्म करने पर भी विचार कर रहा है

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को मोबाइल से मोबाइल कॉल टर्मिनेशन शुल्क में आधे से छह पैसे तक की कटौती की है जोकि एक अक्टूबर से लागू होगा। ट्राई एक जनवरी 2020 तक आईसीयू चार्ज चरणबद्ध तरीके खत्म करने पर भी विचार कर रहा है।

साफ तौर पर यह दुर्भाग्यपूर्ण आदेश है।

ट्राई के इस फैसले के बाद अधिकतर दूरसंचार कंपनियों ने इसकी आलोचना की है और इसे कानूनी चुनौती देने का फैसला किया है।ट्राई के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए सेलुलर ऑपरेटर्स एशोसिएसन ऑफ इंडिया के निदेशक जनरल राजन एस मैथ्यु ने मंगलवार को कहा, “साफ तौर पर यह दुर्भाग्यपूर्ण आदेश है।

अधिकतर सदस्य इस मामले में अब कानूनी सहायता चाहते हैं

हमने पहले भी इस ओर इशारा किया था कि नियामक को पारदर्शी फैसला लेना चाहिए। क्षेत्र के वित्तीय हालात के लिए भारी कटौती अनर्थकारी है। हमारे अधिकतर सदस्य इस मामले में अब कानूनी सहायता चाहते हैं।

साफ तौर पर यह दुर्भाग्यपूर्ण आदेश दुर्भाग्यपूर्ण आदेश है

इसे कानूनी चूनौती देने का फैसला किया है ट्राई के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए सेलुलर ऑपरेटर्स एशोसिएसन ऑफ इंडिया के निदेशक जनरल राजन एस मैथ्यु ने मंगलवार को कहा, “साफ तौर पर यह दुर्भाग्यपूर्ण आदेश दुर्भाग्यपूर्ण आदेश है।

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