कोरोना: डब्ल्यूएचओ ने यूपी के प्रयास को सराहा

सीएम ने छेड़ी कोरोना को मात देने की जंग

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कोरोना संक्रमण के कहर से देश के सभी राज्यों की सरकारें जूझ रही हैं और इसे फैलने से रोकने के तमाम उपाय भी कर रही हैं। देश में सबसे विशाल आबादी वाले उत्तर प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण ने कई जिलों में अपने पैर पसारे हैं। देखते ही देखते ही प्रदेश में 24 अप्रैल को 38055 कोरोना के केस हो गए थे। कोरोना का यह फैलाव खतरनाक था। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तब कोरोना संक्रमित थे। बीमारी की इस हालत में भी उन्होंने कोरोना के इस फैलाव को गंभीरता से लिया और अपने अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर कोरोना को मात देने की नई रणनीति तैयार की।

उनकी इस योजना का ही यह नतीजा है कि 11 मई को यूपी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घटते घटते 21 हजार से भी कम हो गई है। अब हर दिन इस संख्या में कमी हो रही है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक अब इसमें क्रमशः कमी ही आएगी। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में आ रही इस कमी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने योगी सरकार के ट्रेस, टेस्ट तथा ट्रीट के फार्मूला काफी सराहा है।

कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण के इस बीमारी के खिलाफ सूबे में छेड़ी गई निर्णायक जंग में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ के तीन प्रमुख हथियार रहे हैं। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सरकार ने गांव में भी जाकर घर-घर लोगों का परीक्षण किया है। संदिग्ध लोगों को आगाह किया गया है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में संक्रमितों को होम आइसोलेट किया और उनको दवा की किट भी प्रदान की। इस प्रक्रिया से काफी सुधार हो गया है।

डब्ल्यूएचओ ने प्रदेश सरकार का संक्रमितों को तेजी से अलग करने, उनको इलाज देने और इनके सम्पर्क में आने वालों की खोज कर उनको भी आगाह करने के तरीके बेहद सराहा है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में जनता की भी अहम भूमिका हैं। मुख्यमंत्री अब चाहते हैं कि सूबे की जनता कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करे और कोरोना का भय मन पर हावी ना होने दे। सरकार हर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के इलाज का प्रबंध कर रही हैं। कोरोना से बचाव का टीका लगाने से लेकर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को उसके घर में दवा पहुँचाने का इंतजाम किया गया है। अस्पतालों में दवाई से लेकर ऑक्सीजन तक का अब पूरा इंतजाम है। गांव में भी लोगों के इलाज की व्यवस्था की गई है।

डब्ल्यूएचओ ने प्रदेश सरकार के जिस ट्रेस, टेस्ट तथा ट्रीट फार्मूले की सराहना की उसे पहली बार यूपी के हर शहर और गांव में कोरोना से संक्रमित मरीजों की खोज उनका इलाज कराने के लिए चलाया जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों के सर्विलांस का यह दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है, जिसके चलते सूबे के 16 करोड़ लोगों तक पहुंचा गया। कोरोना से बचाव को लेकर इतना कुछ करने के बाद अब मुख्यमंत्री खुद भी जिलों में पहुंच कर कोरोना से बचाव को लेकर किए गए इंतजामों का जायजा लें रहें हैं। इसके साथ ही वह जनता को यह संदेश भी दे रहें हैं कि इस बीमारी को लेकर घबराए नहीं। इस्से बचाने के लिए कोरोना के प्रोटोकाल का पालन करे।

वैसे तो इस बीमारी के इलाज का प्रबंध अब गांव -गांव तक कर लिया गया है, लेकिन इलाज से बेहतर बचाव होता है। इस लिए सभी लोग इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरते। जो इस बीमारी की चपेट में आये वह सभी लोग समय से दवाई लेते हुए घर में रहें। इस बीमारी को घर में रहते हुए भी मात दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने खुद कोरोना से संक्रमित हुए थे। उन्होंने घर में रहते हुए ही इस बीमारी को मात दी। इस दौरान उन्होंने रोज ही करीब छह घंटे वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों के अलावा समाज के हर वर्ग से संवाद बनाए रखा।

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बीते दिनों बरेली और मुरादाबाद में मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को काबू पाने के लिए किए गये इंतजामों की हकीकत को देखने के बाद अफसरों से यही कहा कि हर कोरोना संक्रमित के इलाज का बेहतर से बेहतर इलाज हो, हर व्यक्ति की जान महत्वपूर्ण है। अस्पताल और दवा के अभाव में किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं होनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधाओं में इजाफा करने की बात भी मुख्यमंत्री ने की और इलाज के नाम पर अधिक दाम लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।

मंगलवार को लखनऊ में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए अस्पताल का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने फिर लोगों से कोरोना से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की। इसके पूर्व वाराणसी, गोरखपुर और अयोध्या में मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमित व्यक्ति के इलाज पर अधिक ध्यान देने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। जिलों के अपने इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने शहर तथा गांव में चलाए जा रहे विशेष सफाई अभियान और गांव -गांव में कोरोना संक्रमित की पहचान के लिए चलाए जा रहे अभियान की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री का मत है कि यदि शहर और गांव में लोग कोरोना को लेकर अलर्ट रहें, मास्क पहने तथा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें तो कोरोना को परास्त करने में तेजी से सफलता मिलेगी। कोरोना को रोकने के लिए सभी से टीका लगवाने का आग्रह भी मुख्यमंत्री कर रहें हैं। सूबे में सभी को टीका लग जाए, इसके लिए वैक्सीन की खरीद की जा रही है। यही नहीं मुख्यमंत्री की पहल पर इसके लिए ग्लोबल टेंडर भी हो चुका है।

कोरोना के संक्रमण से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने अपनी टीम -11 का पुनर्गठन कर टीम -9 का गठन किया है। इस टीम में अधिकारियों को अलग-अलग कार्य करने की ज़िम्मेदारियां दी गई हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ डाक्टरों का एक पैनल भी बनाया है, इन सब से मुख्यमंत्री रोज वार्ता कर कोरोना से निपटने के निर्देश देते हैं। जिन्हें प्रदेश भर में लागू किया जाता है।

ऑक्सीजन की कमी के संकट को इस टीम के साथ वार्ता कर मुख्यमंत्री ने हल किया। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार और उद्यमियों से बात कर भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति का इंतजाम किया। यहीं नहीं ऑक्सीजन की आपूर्ति में टैंकरों की कमी बाधा न बने इसके लिए भी 9 मई को ग्लोबल टेंडर जारी कराया। रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी होने पर मुख्यमंत्री ने प्लेन भेज कर अहमदाबाद से यह दवा मंगाई है। उसके बाद उन्होंने इस दवा को बनाने वाली कंपनियों से बात करके सूबे में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई। यहीं इन्ही उन्होंने इस दवा की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने अब ऐसी व्यवस्था कर दी है कि किसी अस्पताल में चंद महीने बाद अब ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। गांव में पीएचसी तक में ऑक्सीजन की कमी ना होने पाए, इसकी व्यवस्था अब कर दी गई है। गांवों में कोरोना पर बैरियर लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने गांव-गांव में सैनिटाइजेशन अभियान चलवाया। गांव तथा शहर में कोरोना संक्रमित की पहचान के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट का अभियान चलाया जा रहा है।

यह सब करते हुए अब मुख्यमंत्री जिलों में जाकर प्रशासन और जनता दोनों को कोरोना से निपटने के लिए मिलकर काम करने का संदेश दे रहे हैं। प्रशासन सक्रिय और संवेदनशील रहे इसके लिए वह मंडल और जिला स्तर के अधिकारियों से इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग कर चुके है। अब जनता के बीच जाकर वह फिर से अपने मन की बात कह रहे हैं।

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मुख्यमंत्री यह जानते है की वैश्विक महामारी के खिलाफ इस जंग में संवेदना, संयम और लोगों का सहयोग सबसे अधिक जरूरी है। इसलिए प्रशासन और पुलिस को बार बार जनता खासकर कोरोना से पीड़ित लोगों और उनके परिजनों से संवेदनशील बने रहने और यथा संभव जरूरत के अनुसार मदद करने को कह चुके हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान अपने घरों में रहकर जनता ने जो संयम दिखाया है मुख्यमंत्री उसकी भी तारीफ कर चुके है। साथ ही आगे भी जरूरत के अनुसार इसी तरह की अपेक्षा भी। अब मुख्यमंत्री कोरोना को पराजित करने के लिए जनता से कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करने तथा मास्क पहनने तथा टीकाकरण कराने का आग्रह कर रहें हैं। मुख्यमंत्री का मत है जिस समय से जनता ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जीवन जीना शुरू कर दिया, उसी समय से कोरोना के खिलाफ जंग में जीत मिलने लगेगी।

यूपी में किस दिन कितने मिले संक्रमित मरीज
  • 10 मई : 21,331
  • 9 मई : 23,333
  • 8 मई : 26,847
  • 7 मई : 28,076
  • 6 मई : 26,780
  • 5 मई : 31,165
  • 4 मई : 25,858
  • 3 मई : 29,192
  • 2 मई : 30,983
  • 1 मई : 30,317
  • 30 अप्रैल : 34,626
  • 29 अप्रैल : 35,156
  • 28 अप्रैल : 29,824
  • 27 अप्रैल : 32,993
  • 26 अप्रैल : 33,574
  • 25 अप्रैल : 35,614
  • 24 अप्रैल : 38,055

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