किसानों ने सड़क पर फेंके हजारों किलो प्याज
कभी प्याज की ऊंची कीमतें जनता को रुला रही थी, अब ये किसानों को खून के आंसू रुला रहा है। इसी प्याज का भाव कभी 100 के करीब था वही अब 2-3 रुपये में धक्के खा रहा है। घाटे से गुस्साए मध्य प्रदेश के इंदौर में किसानों ने सोमवार सुबह कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान बोरियों में भरकर लाए हजारों किलो प्याज सड़क पर ही फेंक दिए। कुछ राहगीरों ने सड़क पर फैला प्याज बटोरना शुरू कर दिया। लेकिन अधिकांश प्याज वाहनों के पहियों के नीचे दबकर बर्बाद हो गया।
खेतों में रौंद रहे प्याज
उचित मूल्य नहीं मिलने से इस बार किसानों को प्याज की फसल में भारी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि मंडी में अच्छा से अच्छा प्याज चार से पांच रुपए किलो से ज्यादा में नहीं बिक रहा। उनका कहना है कि 40 किलो प्याज बोरी की लागत किसान को खेत में बोने से लेकर मंडी तक पहुंचाने में सवा सौ रुपए तक आ रही है, जबकि उसकी कीमत डेढ़ सौ रुपए से ज्यादा नहीं मिल रही। अब तो कई किसान मंडी में प्याज पहुंचाने के बजाय खेतों में ही रौंद रहे, ताकि दूसरी फसल को सड़े हुए प्याज के कारण अच्छी खाद मिल सके।
निर्यात पर रोक हटाने की मांग
किसानों की मांग है कि पिछले साल जब प्याज के दाम अधिक थे तो अफसरों ने गोदामों में छापे मारे थे, कम कीमत में मंडियों में प्याज बिकवाए थे। अब अफसर किसानों से प्याज खरीदें। एक किसान ने कहा कि प्याज के निर्यात पर भी रोक लगा रखी है, उसे ही हटवा दिया जाए। कम से कम हमारे प्याज प्रधानमंत्री जी के साथ विदेश चले जाएं। फिलहाल इंदौर के थोक बाजार में प्याज पांच से सात रुपए के प्रति किलोग्राम मूल्य पर बिक रहा है, जबकि खुदरा बाजार में इसकी कीमत 10 से 20 रुपए के बीच है।
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