हाथरस कांड: CBI जांच के चलते किसान की फसल बर्बाद, मांगा मुआवजा
बुलगढ़ी गांव के एक किसान, जिसके खेत में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसका बिना किसी दोष के आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि मामले की सीबीआई जांच चल रही है और सीबीआई टीम इस खेत में अक्सर पहुंचती रहती है। किसान ने नाम जाहिर न करने का आग्रह करते हुए दावा किया कि उसने सीबीआई के अधिकारियों द्वारा अपराध स्थल की घेराबंदी किए जाने और उसे जमीन से दूर रहने की हिदायत दी गई है। ऐसे में उसकी बाजरे की खड़ी फसल बर्बाद हो रही है।
किसा ने पत्रकारों से कहा, “मुझे कहा गया है कि अपनी नौ बीघा जमीन में फसल की सिंचाई, खेती या कुछ नहीं करूं, ताकि अपराध में सबूतों को संरक्षित रखा जा सके। इसका मतलब है कि लगभग 50,000 रुपये और मेरे परिवार की महीनों की कड़ी मेहनत का नुकसान।”
किसान ने बाजरे की फसल के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है।
जमीन का मालिक 24 साल का एक युवक है जो जयपुर में काम करता है और खेती के लिए अपनी जमीन ग्रामीणों को ‘बटाई’ (अनुबंध) पर देता है।
जमीन के मालिक ने कहा, “मैं जयपुर से हाल ही में लौटा और पाया कि खड़ी फसल सूख गई है, क्योंकि सीबीआई ने खेत मजदूरों को सिंचाई करने की अनुमति नहीं दी। मैं चाहता हूं कि सरकार मुझे हुए नुकसान की भरपाई करे। सीबीआई जिस वारदात की जांच कर रही है, मेरा उससे दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।”
पुलिस और सीबीआई टीम ने अपराध स्थल की जांच करने या फिर से क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के लिए कई बार क्षेत्र का दौरा किया है।
बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और बेरहमी से पिटाई की गई थी। अलीगढ़ के अस्पताल में शुरुआती इलाज के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने 29-30 सितंबर की दरम्यानी रात को मृतका के शव का दाह संस्कार करवा दिया। जिलाधिकारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया है कि उन्होंने जातीय हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर रात में ही दाह संस्कार कर देने का आदेश दिया था।
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