बढ़ रही दूरियां ! JDU ने लालू की रैली से किया किनारा
अगर कुछ दिनों के हालात पर नजर डालें तो यही लगता है कि बिहार में बने सत्तारूढ़ गठबंधन में अब खुलकर दरारें सामने आने लगी हैं। गठबंधन के साथ जेडीयू और आरडेजी में मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। पहले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों को ठेंगा दिखाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का ऐलान कर दिया। वहीं, शुक्रवार आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में जीएसटी के लॉन्च कार्यक्रम में भी नीतीश ने अपने प्रतिनिधि को भेजा था, जबकि महागठबंधन सहयोगी आरजेडी और कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया।
जिसके बाद अब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ‘बीजेपी हटाओ, देश बचाओ’ रैली से नीतीश कुमार की पार्टी ने किनारा कर लिया है। यह रैली 27 अगस्त को पटना में आयोजित की जाएगी। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा, ‘यह आरजेडी की रैली है और जेडीयू पार्टी के तौर पर इसमें हिस्सा नहीं लेगी। अगर जेडीयू के अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार को न्योता मिलता है तब वह व्यक्तिगत क्षमता से उसमें उपस्थित होने पर फैसला लेंगे।
आरजेडी की रैली का लक्ष्य 2019 में बीजपी नीत एनडीए के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करना है। आरजेडी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा इस रैली में शामिल हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जहां इसमें शामिल होने की बात कह चुके हैं, वही बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती भी इस रैली में सरीख होकर गठबंधन में अपनी भागीदारी मजबूत कर सकती हैं।