अब बिना सिम के होगी कॉलिंग और चलेगा नेट, जानें कैसे ?
अब वो दिन दूर नहीं है जब आप बिना सिम के कॉलिंग और नेट का यूज कर पाएंगे, क्योंकि भारत में बहुत जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च होने जा रही है. पिछले दिनों दूरसंचार नियामक ने उद्योग से जुड़े स्टेकहोल्डर्स से स्पेक्ट्रम अलोकेशन की प्रक्रिया, प्राइसिंग आदि के लिए सुझाव मांगे थे. वहीं अब नियामक ने स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित रिकॉर्ड को 15 दिसंबर तक पूरा करने के लिए कहा गया है. इसके बाद में दूरसंचार विभाग (DoT) इन सुझावों को परीक्षण करेगा और स्पेक्ट्रम को आवंटन या नीलामी करने का निर्णय लेगा. साथ ही सरकार की इस कार्रवाई से भारत में सैटेलाइट कनेक्शन सेवाएं शुरू हो सकती हैं.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने स्टारलिंक की शर्तों मान लिया है. इस वजह से अब भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैड कनेक्शन सर्विस को लॉन्च करने का रास्ता कथित तौर पर साफ हो गया है. वहीं रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के डेटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए सहमत दे दी गई है. इसके बाद अब स्टारलिंक भारत में लाइसेंस आवेदन के लिए एक कदम आगे बढ़ाने के लिए तैयार है.
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस पर टेलीकॉम कंपनियों ने उठाए सवाल
वहीं ट्राई को लेकर बीते हफ्ते स्पेक्ट्रम अलोकशन को लेकर की गई चर्चा में निजी टेलीकॉम कंपनी जियो और एयरटेल ने सवाल खड़े किए हैं. कहा है कि, ”इसकी भी मोबाइल नेटवर्क स्पेक्ट्रम की तरह ही नीलामी के जरिए आवंटन होनी चाहिए. इसके आगे कंपनियों ने कहा है कि, वो कंपीटिशन को लेकर घबराए हुए नहीं हैं. रिपोर्ट की मानें तो रिलायंस जियो ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से लीगल सलाह भी ली है, ताकि टेरेस्टियल टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की तरह ही इसमें भी लेवल प्लेइंग फील्ड रह सके.”
हालांकि DoT और दूरसंचार नियामक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि स्पेक्ट्रम सिर्फ एडमिनिस्ट्रेशन लेवल पर ही काम करेगा. भारत में एलन मस्क की Starlink और Amazon Project Kuiper के अलावा Jio और Airtel ने भी सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाओं का दावा किया है. ये दोनों कंपनियां नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन को देने की मांग कर रही है.
2022 से तैयारी में लगी स्टारलिंक
Starlink ने अक्टूबर 2022 में ही भारत में सेवा शुरू करने का अनुरोध किया था. कम्पनी ने अपनी वेबसाइट पर भी इंटरनेट सेवाओं की पेशकश की है. स्टारलिंक नेटवर्क आवंटन के बाद ही अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर चुका है. वहीं कंपनी ने स्पष्ट किया कि वह भारत में सैटेलाइट संचार शुरू करने के लिए सहयोग करने को तैयार है. सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू होने के बाद इंटरनेट डेटा और कॉलिंग दोनों बिना मोबाइल नेटवर्क के की जा सकेगी.
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100 से अधिक देशों में चल रहे सैटेलाइट नेटवर्क
वही आपको बता दें कि, भारत को कोई पहला देश नहीं है जहां पर सैटेलाइट नेटवर्क की शुरूआत होने जा रही है, बल्कि दुनिया में 100 से ज्यादा ऐसे देश है जहां पर सैटेलाइट नेटवर्क की शुरूआत हो चुकी है. वहीं अब भारत में भी सैटेलाइट सुविधा की शुरूआत होने जा रही है. ऐसे में कई नियमों का एलन मस्क को पालन करना पड़ेगा, जिसके बाद भारत के लोग इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे.