वाराणसी में विनायक प्लाजा पहुंची ईडी की टीम, सम्मन देकर लौटी, होगी पूछताछ

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वाराणसी में सपा के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी के करीबी विनायक ग्रुप के मलदहिया स्थित विनायक प्लाजा पर शुक्रवार को ईडी की टीम पहुंची और सम्मन की नोटिस देकर लौट गई. इस ग्रुप पर करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी व बेनामी संपत्ति को लेकर ईडी की कार्रवाई चल रही है.

ईडी के अधिकारी वाहनों से मलदहिया पहुंचे और नोटिस दिया. ईडी अधिकारियों को देखते ही वहां मौजूद लोगों में खलबली मच गई. लोगों ने सोचा कि दोबारा छापे की कार्रवाई हुई है लेकिन इस बार सम्मन देने तक मामला सीमित रहा. गौरतलब है कि पिछले अक्टूबर में इनकम टैक्स की बेनामी संपत्ति जांच विंग ने भी छापेमारी की थी. करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा होने पर विनायक ग्रुप की कई प्रॉपर्टी को सीज किया था.

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पार्टनर्स और प्रमोटर्स में हड़कम्प

ईडी की इस कार्रवाई से विनायक ग्रुप से जुड़े पार्टनर्स और प्रमोटर्स में हड़कम्प मचा है. उधर, बड़े रियल एस्टेट कारोबारी विनायक ग्रुप के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है. विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज दर्ज करायी गयी है. जांच के दायरे में विनायक ग्रुप के पार्टनर एवं समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी भी हैं. ईडी के अधिकारी जल्द ही विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आभा गणेश कुमार गुप्ता, विमला दिलखुश, सर्वेश कुमार अग्रवाल के साथ प्रमोटर और साझीदारों को भी नोटिस देंगे. उनसे बीते दस वर्षों में खरीदी गयी चल-अचल सम्पत्तियों और बैंक खातों से जुड़ी जानकारी मांगी जाएगी. इसके बाद उनको सम्मन भेजकर ईडी कार्यालय में तलब कर पूछताछ होगी. इसी क्रम में यह कार्रवाई हुई है.

मनी लांड्रिंग और बेनामी संपत्तियों को खरीदने के मिले थे प्रमाण

बता दें कि आयकर विभाग ने पिछले अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में विनायक ग्रुप के वाराणसी, मध्य प्रदेश और अबू आजमी के मुंबई और लखनऊ के ठिकानों को खंगाला था. इस दौरान बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग और बेनामी संपत्तियों को खरीदने के प्रमाण और तमाम राजनेताओं की काली कमाई खपाने के सुराग मिले थे. जांच में सामने आया था कि तमाम नेताओं ने नोटबंदी के दौरान अपनी काली कमाई को वाराणसी और मुंबई के रियल एस्टेट में खपाने के लिए अबू आजमी और उसके करीबियों की मदद ली थी. दोनों शहरों में सम्पत्तियों की कीमतों में होने वाली बेतहाशा वृद्धि इसकी वजह थी. लखनऊ में भी होटल व्यवसाय और कृषि भूमि में निवेश किया गया है. जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स चोरी के सुराग हाथ लगे थे.

आयकर विभाग ने कई सम्पतियों को किया था जब्त

बताते चलें कि जांच के बाद आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप की 13 संपत्तियों को जब्त किया था. साथ ही, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने विनायक ग्रुप के संचालकों के खिलाफ वरुणा गार्डन के फ्लैट्स का फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र बनाने का मुकदमा भी दर्ज कराया था. आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप के ठिकानों पर पिछले साल दिसंबर में भी छापा मारा था। इसमें 150 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था. जांच में अबू आजमी और विनायक ग्रुप की यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में करीब 100 संपत्तियों का पता चला है. इनमें से तमाम संपत्तियां बेनामी होने की आशंका है.

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