‘चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए ली गई 50 लाख की रिश्वत’
ED ने कार्ति चिदंबरम पर लगाए रिश्वत लेने के आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया है कि कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक कंपनी के चीनी कर्मचारियों को दोबारा वीजा दिलाने के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी के लिए करीबी सहयोगी के जरिए 50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. यह कंपनी पंजाब में बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी.
रिश्वत का पैसा कंपनी में निवेश किया गया-ईडी
ईडी ने दावा किया कि रिश्वत की यह रकम लेनदेन के जरिये एक कंपनी में निवेश की गयी, जहां कार्ति चिदंबरम निदेशक थे और उनका वहां नियंत्रण था. कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से लोकसभा सदस्य हैं. प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में कई बार उनका बयान दर्ज कर चुकी है.
कार्ति चिदंबरम ने बताया कि उनके वकील सुनवाई के दौरान अदालत में इन आरोपों का जवाब देंगे. ईडी एजेंसी ने कार्ति चिदंबरम, उनके द्वारा प्रवर्तित कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, उनके कथित करीबी सहयोगी और अकाउंटेंट एस भास्कररमन, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और अन्य के खिलाफ दाखिल एक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए हैं. चीनी कर्मचारी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड में तैनात थे.
50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी- ED
ईडी ने कहा कि जांच में पता चला कि कार्ति चिदंबरम ने पंजाब के मनसा में बिजली परियोजना स्थापित कर रही तलवंडी साबो पावर लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा चीनी वीजा के फिर से उपयोग की मंजूरी प्राप्त करने के लिए अपने करीबी सहयोगी एस भास्कररमन के माध्यम से 50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया, कंपनी के अधिकारियों ने गृह मंत्रालय से वीजा के पुन: उपयोग की मंजूरी लेने के लिए कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया, जहां उनके पिता गृह मंत्री (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम) थे.
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सीबीआई की ओर से दर्ज FIR के अनुसार, टीएसपीएल के एक अधिकारी ने 263 चीनी कामगारों के लिए वीजा फिर से जारी करने का अनुरोध किया, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था.