पहले farmers को कोई नही पूछता था, अब खुशहाल हैं – कृषि मंत्री

शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में तीन दिवसीय क्षेत्रीय कृषि मेला का किया उद्घाटन

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उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को कहाकि पहले किसानों को कोई पूछने वाला नहीं था. आज किसान खुशहाल है और उन्हें किसान सम्मान निधि देकर सम्मानित किया जा रहा है. सरकार समय से किसानों का भुगतान कर रही है.

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कृषि मंत्री ने यह बात शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय कृषि मेला के उद्घाटन के मौके पर कही. उन्होंने कहाकि धान, गेहूं या गन्ना उगानेवाले किसानों का भुगतान किया जा रहा है. प्रदेश के हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र को सुरक्षित किया गया है. अब यहां से किसान नई तकनीकी जानकारी प्राप्त कर वैज्ञानिक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहाकि भगवान बुद्ध की धरती कुशीनगर में करीब 650 करोड़ की लागत से कृषि विश्वविद्यालय बनाने की योजना है. भगवान बुद्ध तो भगवान विष्णु के अवतार है. भगवान विष्णु के सातवें अवतार की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई है. दसवें अवतार महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि विश्वविद्यालय बनाकर काला नमक चावल की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. यहां कृषि विश्वविद्यालय के अलावा उद्यान, महाविद्यालय, पशु पालन का कार्य होगा. इससे पहले कृषि मंत्री ने क्षेत्रीय कृषि मेला का फीता काटकर उद्घाटन किया. इसके बाद स्टालों का निरीक्षण किया.

उन्नत कृषि उपायों पर होगी चर्चा, तकनीकी सत्र आयोजित होंगे

संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कान्ति बेहेरा ने बताया कि तीन दिवसीय क्षेत्रीय किसान मेले में उन्नत कृषि उपायों पर चर्चा होगी. मानव स्वास्थ्य और कृषक समृद्धि पर आयोजित मेले में सब्जियों की उन्नत खेती, पालीहाउस, हाई टेक नर्सरी, जैविक खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, कृषि यंत्रीकरण, ड्रोन, कीट और रोग प्रबंधन जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किये जायेंगे. इन सत्रों में देशभर से आये कृषि विशेषज्ञ किसानों से संवाद करेंगे. मेले का मुख्य आकर्षण सब्जी प्रदर्शनी, कृषि उत्पादों और यंत्रों का प्रदर्शन है. राज्य और केंद्र सरकार, विश्वविद्यालयों, आईसीएआर संस्थानों, कृषि-व्यवसाय संस्थानों और अनेक कंपनियों के प्रतिनिधि, सात अलग-अलग राज्यों के पांच हजार से अधिक किसान मेले में भाग ले रहे हैं. इस मेले में यूपी, एमपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, उडीसा, हिमाचल प्रदेश के किसान शामिल हैं. बागवानी, जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ड्रोन तकनीकियों पर विशेष सत्र आयोजित किये गये हैं. मेले में सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों के 77 स्टाल लगे हैं.

सेकेंडरी एग्रीकल्चर के मूल्य संवर्धन से किसानों को लाभ पहुंचाएं

समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. मंगला राय ने सेकेंडरी एग्रीकल्चर यानि उद्यागों के अवशेषों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से किसानों को लाभ पहुचाने का आवाहन किया. कहा कि बात तो जैविक फार्मिंग की होती है परन्तु अवशेषों के प्रसंस्करण के माध्यम से वेस्ट को वेल्थ में परिवर्तित करके किसानों को लाभ पहुचाया जा सकता है. उन्होंने सूक्ष्मजीवों के व्यापक प्रसार से मृदा स्वास्थ्य संवर्धन पर जोर दिया. कहा कि भविष्य में किसानों के साथ कृषि संस्थानों और सरकार के नीति निर्माताओं को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जैविक उत्पादों, खाद्यान्न भंडारण, कृषि विपणन, प्रसंस्करण एवं कृषि से स्वरोजगार जैसे मुद्दों पर चिंतन की आवश्यकता है. आइसीएआर के उपमहानिदेशक डॉ. यू. एस. गौतम ने कृषि प्रसार एवं अभियांत्रिकी के विभिन्न उपायों से किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया. कहाकि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं ड्रोन टेक्नोलॉजी से खेती का भविष्य बेहतर किया जा सकता है. इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के किसानों का सम्मान और उन्हें पुरस्कृत किया गया. धन्यवाद ज्ञापन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह ने किया.

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