भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष पर हमेशा से परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। चाहे कांग्रेस हो या सपा या बसपा, तीनों ही पार्टियों पर भाजपा ने परिवारवाद को लेकर हमेशा से निशाना साधा है, लेकिन विपक्ष पर आरोप लगाते हुए भाजपा इतनी मगन हो गयी कि उसे अपनी ही पार्टी में बढ़ रहे परिवारवाद पर नज़र डालने की फ़ुर्सत नहीं मिली। आज आपको हम भाजपा के एक ऐसे ही परिवारवाद का उदाहरण देंगे जिसके बाद बीजेपी का परिवारवाद के खिलाफ आवाज उठाना ढोंग लगने लगेगा।
बेटा सांसद और पोता मंत्री :
कद्दावर नेता, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और हाल ही में राजस्थान के राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त हुए कल्याण सिंह ने फिर से भाजपा परिवार का दामन थाम लिया है। कल्याण सिंह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। कल्याण सिंह के क़द का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह उर्फ़ राजू भैया एटा से लोकसभा के सांसद हैं और उनके पोते संदीप सिंह यूपी सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में विपक्षी दलों पर परिवारवाद को लेकर आक्रामक रहने वाली भारतीय जनता पार्टी अपनी ही पार्टी में बढ़ रहे परिवारवाद पर क्यों चुप्पी साध लेती है।
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राम मंदिर पर बोले पूर्व सीएम :
अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था का प्रश्न है। जितनी भी पार्टियां हैं, वे जनता के सामने अपना मत स्पष्ट करें कि वे राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं या फिर उसके विरोध में। वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि योगी जी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। जब से उन्होंने सरकार की कमान संभाली है तब से गांव, गरीब की स्थिति में बड़ा फर्क आया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में खुशहाली बढ़ी है।