पढ़ें, इसलिए मिला था दुर्योधन को स्वर्ग…

0

महाभारत की कहानी आपने सुनी होगी। महाभारत का युद्ध खत्म हुआ, सभी कौरव युद्ध में मारे गए। पांडव भी कुछ समय तक राज्य करके हिमालय पर चले गए। वहां पर एक, एक करके सभी भाई गिर गए। अकेले युधिष्ठिर अपने एक मात्र साथी कुत्ते के साथ बचे रहे और वे स्वर्ग गए। कहते हैं युधिष्ठिर जीवित ही स्वर्ग में गए थे। वहां उन्होंने स्वर्ग और नरक दोनों को देखा।

स्वर्ग में प्रवेश करते ही युधिष्ठिर को दुर्योधन दिखाई दिया। अपने भाइयों से भी उनका सामना हुआ। रास्ते में अन्य भाइयों को गिरते समय प्रश्न करने वाले भीम के मन में यहां भी जिज्ञासा उठी और उन्होंने पूछा भैय्या दुष्ट दुर्योधन तो आजीवन अनीति का ही पक्ष लेता रहा, उसने अपने पूरे जीवन में कोई धर्म का काम नहीं किया, जिसके पुण्य से उसे स्वर्ग मिला हो, क्या ईश्वर के न्याय में भी गलती है।

दुर्योधन में एक सद्गुण था

युधिष्ठिर ने कहा कि ईश्वरीय विधान के अनुसार हर पुण्य का परिणाम चाहे वह किंचित ही क्यों न हो, स्वर्ग मिलता है। सभी बुराइयों के होते हुए भी दुर्योधन में एक सद्गुण था। जिसके प्रसाद स्वरूप उसे स्वर्ग में स्थान प्राप्त हुआ है। वह क्या- भीम ने पूछा।

Also read : जानें, दुनिया की सबसे महंगी जींस कितने की है ?

दृढसंकल्पी था दुर्योधन

भीम की जिज्ञासा शांत करते हुए धर्मराज युद्धिष्ठिर ने बताया कि अपने पूरे जीवन में दुर्योधन का ध्येय एक दम स्पष्ट था। उसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने हर संभव कार्य किया। दुर्योधन को बचपन से ही सही संस्कार प्राप्त नहीं हुए,इसलिए वह सच का साथ नहीं दे पाया, लेकिन मार्ग में चाहे कितनी ही बाधएं क्यों ना आई हों, दुर्योधन का अपने उद्देश्य पर कायम रहना, दृढ़संकल्पित रहना ही उसकी अच्छाई साबित हुई।

एकनिष्ठ रहना मनुष्य का एक बड़ा सद्गुण है

युद्धिष्ठिर ने बताया कि अपने उद्देश्य के लिए एकनिष्ठ रहना मनुष्य का एक बड़ा सद्गुण है। इसी सद्गुण के कारण कुछ समय के लिए उसकी आत्मा को स्वर्ग के सुख भोगने का अवसर प्राप्त हुआ है। युद्धिष्ठिर की बात सुनकर भीम की जिज्ञासा शांत हुई और कुछ समय दुर्योधन और पांडवों ने फिर एक साथ बिताया।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More