जमीन के लालच में चाचा बना हैवान, कुएं में फेंक ले ली सगे भतीजे की जान…
वाराणसी : जमीन की लालचमें चाचा ने तीन साल के मासूम का न केवल अपहरण किया बल्कि कुएं में फेंक कर उसकी जानले ली।यह सनसनीखेज वारदात फूलपुर थाना क्षेत्र के ग्राम राय तारा पोस्ट पिंडरा दलित बस्ती की है।मासूम अपने दिवंगत पिता की इकलौती संतान था। उसका शव घर से करीब चार सौ मीटर दूर कुएंसे पुलिस ने बरामद किया है।
पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी चाचा
स्थानीय थानेे के प्रभारी दिपक रानावत व उनकी टीम ने दहला देने वाली इस हत्या की वारदात का राजफाश करते हुए शुक्रवार को आरोपितचाचा बाबूलाल को गिरफतार कर लिया है।रायतारा गांव निवासीमासूम कृष्ण कुमार के पिता दो भाई थे। मासूम के पिता की मौत हो चुकीहै। दो दिन पूर्व उनकी तेरही थी। गत 18 अक्टूबर की रात मासूम अपने दादा के साथ सोयाथा। सुबह दादा किसी काम से गए और वापस लौटे तो बच्चा गायब था। दादा ने आसपास उसकीतलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। घर वालों व आसपास के लोगों ने भी बच्चे केबारे में कोई जानकारी नहीं दी। मासूम के दादा ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
कुंए में फेंक भतीजे की ली जान
मामला संज्ञान मे आते ही पुलिस सक्रिय हुई तो उसे चौंकाने वाली जानकारी मिली। पुलिस के मुताबिक मासूम के चाचा को एक पुत्री है। पुलिस के मुताबिक दादा मासूम को बहुत मानते थे। इसको लेकर आरोपित बाबूलाल को जलन होने लगी। उसे लगा कि कहीं वह सारी जमीन व संपत्ति कहीं मासूम के नाम न कर दें। इसी द्वेष में चाचा ने मासूम भतीजे को रास्ते से हटानेकी साजिश रची। इसी साजिश के तहत मौका पाकर सो रहे मासूम को उठा ले गया और घर से करीबचार सौ मीटर दूर स्थित कुएं में फेंक दिया। मासूम का कहीं पता नहीं चलने पर पुलिस मासूमके घर के लोगों को खंगालना शुरू किया। इस दौरान पूछताछ में आरोपित चाचा पहले तो पुलिसको बरगलाता रहा लेकिन थोडी कडाई होने पर वह टूट गया और बच्चे के कत्ल की बात स्वीकारकी।
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पिता के बाद बेटे की मौत से शोक में डूबी बस्ती
महज 13 दिन पहले पिछले सात अक्टूबर को भी मासूम के पिता भैयालाल के निधन से परिवार गमगीन था। दो दिन पहले भी भैयालाल की तेरही बीती थी। बस्ती के लोग भी भैयालाल के असमय निधन से दुखी थे। परिवार अभी इस संकट से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहा था तभी उसी परिवार के सदस्य ने सम्पत्ति के लोभ में घर के चिराग को ही बुझा देने की साजिश रच डाली। पहले पिता और अब इकलौते बेटे की निर्मम हत्या से बस्ती शोक में डूब गई है। लोगों को जब हत्यारे का पता चला तो उनका मन घृणा से भर गया।
हत्या के बाद घर में ही रहा हत्यारा
बड़े भाई भैयालाल के निधन के बाद बाबूलाल पर पाप सवार हो गया। उसकी भी एक बेटी ही है। फिर भी परिवार की जमीन का मालिक बनने का ख्वाब सजाकर उसने अपने सगे भतीजे को खत्म करने की सोची। सूत्रों के अनुसार कृष्ण कुमार दादा के पास सोया तभी से बाबूलाल उस पर नजर बनाये था। सुबह चार बजे उसके पिता जब बच्चे को छोड़कर शौचालय में गये तभी बाबूलाल आया। उस समय कृष्ण कुमार गहरी नींद में था।