Dog Rule UP: पूर्वांचल में कुत्ता पालकों को लगा झटका, यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

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Dog Rule UP: देश में बीते वर्ष ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जब कुत्तों के हमले में कई लोगों की जान चली गई. इतना ही नहीं कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां कुत्ते ने छोटे बच्चों पर हमला किया है. यहां तक कि कुत्ते काटने से लखनऊ में तो एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. सोशल मीडिया पर आए दिन कुत्तों के हमलों के कई वीडियो और फोटो वायरल होते रहते हैं. अब इस मामले को यूपी की सरकार ने भी गंभीरता से ले लिया है.

दरअसल केंद्र सरकार ने पालतू कुत्तों की करीब 25 खतरनाक नस्ल को बैन कर दिया था और अब ये कदम उत्तर प्रदेश सरकार ने भी उठा लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को 23 हिंसक नस्ल वाले कुत्तों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है. साथ ही इस नियम को तोड़ने वालों पर जुर्माने और सजा का प्रावधान भी किया है. पिछले कुछ दिनों में कुत्तों के हमलों में होने वाली मौत की घटनाएं काफी आम हो गई थीं. इसके बाद प्रशासन से कई बार शिकायतें की गई जिसके कारण सरकार को आखिर में इतना कड़ा फैसला लेना पड़ा.

इन नस्लों वाले कुत्तों के पालने पर लगी रोक

अपने उग्र और आक्रामक स्वभाव के लिए जाने जाने वाली नस्लों के कुत्तों की सूची में रोटविलर, पिटबुल टेरियर, वुल्फ, टोसा ईनू, अमेरिकन स्टेफोर्ड, फिला ब्रासी लीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडाग, बोरवेल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड (ओवचार्का), कोकेशियान शेफर्ड (ओवचार्का ), दक्षिण रुसी शेफर्ड (ओवचार्का ), टार्न जैक, सरप्लानिनेक, जापानी टोसा और अकिता, मस्टिफ (बोरबुल्स), टेरियर्स, रोडेशियन, रीजबैक, कैनारियों, अकबाश कुत्ता, मास्को गार्ड, कैन कोरो आदि नस्ल के कुत्तों को पालने पर रोक वाली सूची में शामिल हैं.

कुत्तों के बैन होने से नाराज़ हैं इनके पालनकर्ता

विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी निर्देश के मुताबिक लोग 23 नस्लों के कुत्तों को पालतू जानवर के तौर पर रखने की मनाही है. हालांकि सरकार के इस फैसले से कुत्ता पालक बेहद नाराज़ हैं. उनका कहना हैं की बैन करना कोई सॉल्यूशन नहीं है. सरकार को ये सोचना चाहिए कि ये सारे जीव इंसानों पर ही निर्भर हैं और कितने सालों से हम उन्हें पाल रहे हैं और हमें नहीं लगता की कुत्ते थोड़े भी हिंसक होते हैं. 99% तक वे आक्रामक नहीं होते हैं और 1% जो आक्रामक होते हैं वो उनके पालकों पर निर्भर करता है कि उन्होंने उसे बचपन से क्या सिखाया है.

सरकार के इस फैसले पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

इसी क्रम में कई लोगों ने कहा कि अगर मोहल्ले में एक अपराधी है तो पूरे मोहल्ले को सजा तो नहीं दी सकती. सरकार ने 2002 में एक आदेश दिया था आर्टिस 429, 428 किसी भी कुत्ते को कहीं से हटाया नहीं जा सकता, सबको समान अधिकार का आदेश दिया गया था. बैन करना कोई उपाय नहीं है सुरक्षा के लिए गार्ड डॉग्स पालना पड़ता है. हर जगह पुलिस सुरक्षा नहीं कर सकती. अगर कल को हमारे साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

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क्या कहना है अधिकारियों का ?

इस संबंध में वाराणसी के जिला पशु चिकित्सा अधिकारी एसपी पांडेय ने कहा कि खूंखार नस्ल के कुत्तों के पालने पर रोक लगाने का आदेश शासन से जारी किया गया है. इस संबंध में पशु चिकित्सा विभाग की ओर से डीएम को रिपोर्ट भेजी जा रही है. उनके आदेश के बाद इसे सख्ती से लागू कर दिया जाएगा.

 

written by – Tanisha Srivastava

 

 

 

 

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